नक्सली हमला: गांववालों ने पुलिस को बातों में उलझाया और नक्सलियों ने बरसा दी थीं गोलियां

Published : Apr 05, 2021, 07:49 AM ISTUpdated : Apr 05, 2021, 11:23 AM IST
नक्सली हमला: गांववालों ने पुलिस को बातों में उलझाया और नक्सलियों ने बरसा दी थीं गोलियां

सार

छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तर्रेम में शनिवार को हुए नक्सली हमले ने सबको हिलाकर रख दिया है। इस हमले में 24 जवान शहीद हो गए। घायल जवानों ने बताया कि नक्सलियों पुलिसबल को फंसाने ट्रैप लगाया था। इसमें गांववालों ने उनका साथ दिया। गांववालों ने पुलिसटीम को बातों में उलझाया और फिर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस मामले में गांववालों की भूमिका भी संदिग्ध निकली है। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ पहुंचे।

रायपुर, छत्तीसगढ़. बीजापुर जिले के तर्रेम में हुए नक्सली हमले की गूंज अमेरिका तक सुनाई पड़ी। यूएस काउंसिगल जनरल ने एनकाउंटर में शहीद हुए 24 जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस बीच घायल जवानों ने बताया कि नक्सलियों की गांववालों ने मदद की। घायल जवानों ने बताया कि नक्सलियों पुलिसबल को फंसाने ट्रैप लगाया था। इसमें गांववालों ने उनका साथ दिया। गांववालों ने पुलिसटीम को बातों में उलझाया और फिर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ पहुंचे।

घात लगाकर पहले से ही बैठे थे नक्सली
पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा अपने गांव कुवंती आया हुआ है। इसके बाद 1500 जवानों की एक टीम सर्चिंग के लिए भेजी गई। लेकिन जब टीम वापस लौट रही थी, तभी नक्सलियों ने हमला कर दिया। यह मुठभेड़ करीब 5 घंटे चली। इसमें 24 जवान शहीद हो गए। वहीं, बस्तर आईजी पी सुंदरराजन दावा करते हैं कि इसमें 20-25 नक्सली भी मारे गए। पुलिस सूत्र यह संख्या 25-30 भी बता रहे हैं।

बताते हैं कि नक्सलियों ने देसी रॉकेट लॉन्चर और लाइट मशीनगन (एलएमजी) का इस्तेमाल किया था। जहां यह हमला हुआ, वो नक्सलियों का बड़ा गढ़ माना जाता है। यहीं से एक किमी दूर नक्सलियों के दुर्दांत कमांडर हिडमा का गांव है। डीआईजी(नक्सल ऑपरेशन) ओपी पाल ने बताया कि सुकमा-बीजापुर की सीमा पर जूनागढ़ गांव में यह मुठभेड़ हुई थी।  पुलिस और अर्धसैनिकबल की टीम कई हिस्सों में बंटकर सर्चिंग कर रही थी। जबकि हिड़मा की माओवाद बटालियन ने यू आकार में उन्हें घेर लिया था। यानी पुलिसबल तीन तरफ से घेर ली गई थी। मैदान में पुलिसबल था, जबकि पहाड़ के ऊपर नक्सली।

नक्सल ऑपरेशन आईजी नलिन प्रभात की प्लानिंग पर उठीं उंगुलिया
इस हमले को पुलिस की नाकामी बताया जा रहा है। दंतेवाड़ा में करीब 11 साल पहले CRPF के 76 जवान नक्सली हमले में शहीद हुए थे। तब CRPF के DIG नलिन प्रभात थे। अब वे IG नक्सल ऑपरेशन हैं। पिछले मामल में उनके खिलााफ इन्क्वायरी हुई थी, लेकिन उनका सिर्फ तबादला किया गया था।

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