इंडियन पॉलिटिक्स में भूचाल लाने वाले पेगासस जासूसी केस(Pegasus snooping case) मामले में सुप्रीम कोर्ट(SC) एक टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन करेगी। गुरुवार को इस संबंध में SC ने फैसला सुनाया।
नई दिल्ली. संसद सत्र के दौरान जबर्दस्त हंगामे की वजह बने पेगासस जासूसी केस(Pegasus snooping case) मामले में सुप्रीम कोर्ट(SC) एक टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन करेगी। गुरुवार को इस संबंध में SC ने फैसला सुनाया।चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि अगले हफ्ते इस मामले की स्वतंत्र जांच के लिए फॉर्मल ऑर्डर जारी किया जाएगा। कोर्ट जल्द ही टेक्निकल कमेटी के सदस्यों को अंतिम रूप देगा।
SIT से जांचा कराने की मांग उठाई गई थी
पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Spyware Case) मामले में सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट में SIT या न्यायिक जांच कराने की मांग की गई थी। इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से नाराजगी जताते हुए पूछा था कि इस मामले में सरकार क्या कर रही है?
इन लोगों ने लगाई थी याचिका
Supreme Court वकील एमएल शर्मा, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, पत्रकार एन राम, पूर्व आईआईएम प्रोफेसर जगदीप चोककर, नरेंद्र मिश्रा, परंजॉय गुहा ठाकुरता, रूपेश कुमार सिंह, एसएनएम आब्दी, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित 12 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
यह है पेगासस जासूसी केस
19 जुलाई 2021 को, एक भारतीय समाचार पोर्टल सहित 17 अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों के एक ग्रुप ने पेगासस प्रोजेक्ट नाम के दुनिया भर के फोन नंबरों की लीक हुई सूची के बारे में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। लीक की गई सूची में ये नंबर कथित तौर पर इजरायल के एनएसओ ग्रुप द्वारा बेचे गए पेगासस स्पाइवेयर द्वारा हैक किए गए थे। हैक किए जाने वाले फोन की 'टारगेट लिस्ट' हैं। लक्ष्य सूची में 136 प्रमुख राजनेताओं, न्यायाधीशों, पत्रकारों, व्यापारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं आदि की संख्या शामिल है। एनएसओ ग्रुप, जो ‘पेगासस स्पाइवेयर‘ का मालिक है, पर व्हाट्सएप और फेसबुक द्वारा 2019 में यूएस कैलिफोर्निया कोर्ट के समक्ष दूरस्थ निगरानी करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म का शोषण करने के लिए मुकदमा दायर किया गया था। एनएसओ ने बताया था कि उसके उत्पाद केवल सरकारों और राज्य एजेंसियों को बेचे गए थे। हालांकि, कैलिफोर्निया कोर्ट ने व्हाट्सएप के पक्ष में फैसला सुनाया और एनएसओ के दावे को खारिज कर दिया था।