आ सांप मुझे काटः सांप के सामने किसान ने 3 बार लपलपाया जीभ, सर्पराज ने करंट की स्पीड से दिया खौफनाक प्रसाद

तमिलनाडु के इरोद जिले में राजा नाम के एक किसान ने ज्योतिष के कहने पर सर्प मंदिर में अनुष्ठान किया। इस दौरान उसने सांप के सामने जीभ लपलपाया। सांप ने किसान के जीभ पर डस लिया, जिसके चलते उसके जीभ को काटना पड़ा।  
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 26, 2022 9:24 AM IST / Updated: Nov 26 2022, 05:41 PM IST

इरोद (तमिलनाडु)। तमिलनाडु के इरोद जिले में रहने वाले किसान राजा को ज्योतिष की सलाह मानने की कीमत अपनी जीभ खोकर चुकानी पड़ी। उनकी जान भी खतरे में थी। 54 साल के किसान राजा को ज्योतिष ने सर्प मंदिर में जाकर खास तरीके से पूजा करने को कहा था। ज्योतिष के कहे अनुसार राजा ने पूजा की इसी दौरान उसने सांप के सामने तीन बार जीभ लपलपाया। सांप ने राजा के जीभ पर ही काट लिया। अब राजा कभी बोल नहीं पाएंगे।

इरोद जिले के कोपिचेट्टीपलयम में रहने वाले राजा को अक्सर सांप द्वारा काटे जाने का सपना आता था। किसी अनहोनी के डर से वह एक ज्योतिष के पास गए और अपने सपने के बारे में बताया। ज्योतिष ने राजा को सर्प मंदिर में जाकर अनुष्ठान करने का सुझाव दिया। उसने कहा कि ऐसा करने पर सांप द्वारा डसे जाने के सपने नहीं आएंगे। 

सांप ने जीभ पर डसा
ज्योतिष की सलाह पर राजा मंदिर गए और बताए गए तरीके से अनुष्ठान करने लगे। अनुष्ठान के अंत में राजा ने मंदिर में मौजूद रसेल वाइपर प्रजाति के सांप के सामने तीन बार जीभ लपलपाया। इससे सांप को गुस्सा आ गया। उसने बिजली की तेजी से रिएक्ट किया और राजा के जीभ पर डस लिया। 

मंदिर के पुजारी ने सांप को डसते देखा तो उसने तुरंत राजा का जीभ काट दिया और उसे इलाज के लिए इरोड मणियन मेडिकल सेंटर ले गए। सांप के जहर के असर और जीभ काटे जाने से राजा बेहोश हो गए थे। मणियन मेडिकल सेंटर के प्रबंध निदेशक सेंथिल कुमारन ने कहा कि डॉक्टरों ने राजा की कटी हुई जीभ का इलाज किया और उसे सांप के जहर की दवा भी दी।

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बेहद जहरीला होता है रसेल वाइपर प्रजाति का सांप
गौरतलब है कि रसेल वाइपर प्रजाति का सांप बेहद जहरीला होता है। भारत में हर साल सर्पदंस से करीब 58 हजार लोगों की मौत होती है। मरने वालों का बड़ा हिस्सा रसेल्स वाइपर का शिकार होता है। इस सांप का जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जिससे पीड़ित के शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। इसके साथ ही जहर में कॉगुलेंट भी होता है, जिससे पीड़ित का खून मोटा और चिपचिपा होकर नसों में जम जाता है। पीड़ित को तेज दर्द होता है और सही इलाज नहीं मिलने पर जल्द ही मौत हो जाती है।

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