पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं करने के लिए रखी TMC ने शर्त, कहा-नहीं देंगे दखल लेकिन...

ममता बनर्जी के खास मंत्री सहित एक दर्जन से अधिक लोगों के ठिकानों पर 22 जुलाई को सीबीआई ने रेड किया था। सीबीआई रेड में पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी अर्पिता बनर्जी के घर से 20 करोड़ से अधिक की नकदी बरामद हुई थी। 

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मंत्री पार्थ चटर्जी के केस में राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार किया है। रविवार को बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ ईडी मामले में समयबद्ध जांच की मांग करते हुए टीएमसी ने कहा कि अगर किसी नेता ने कुछ भी गलत किया है तो पार्टी राजनीतिक रूप से हस्तक्षेप नहीं करेगी।

उस महिला से कोई संबंध नहीं

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टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी का उस महिला से कोई संबंध नहीं है जिसके पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। उन्होंने कहा कि पार्टी मामले में समयबद्ध जांच की मांग करती है। कुछ मामलों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच कई वर्षों से चल रही है। सीबीआई 2014 से करोड़ों रुपये के सारदा चिटफंड मामले की जांच कर रही है, जबकि नारद टेप मामला, जो 2016 के चुनावों से पहले सामने आया था, अभी भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा था। घोष ने कहा कि कानून अपना काम करेगा, तृणमूल कांग्रेस हस्तक्षेप नहीं करेगी, चाहे कोई बड़ा नेता इसमें शामिल हो जाए।

ईडी ने 22 जुलाई को किया था रेड

ईडी ने 22 जुलाई को सरकारी प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल धन के लेन-देन की जांच के तहत बंगाल में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे थे। मंत्री की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने से ईडी ने 20 करोड़ से अधिक रुपये बरामद किए थे। ED ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े मामलों में कई जगहों पर छापेमारी की थी। चटर्जी के अलावा ईडी की रेड, शिक्षा राज्यमंत्री परेश सी. अधिकारी, पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष व विधायक माणिक भट्टाचार्य, विधायक,  पार्थ चटर्जी की करीबी सुश्री अर्पिता मुखर्जी, तत्कालीन एमआईसी ऑफ एजुकेशन के ओएसडी पीके बंदोपाध्याय, तत्कालीन एमआईसी ऑफ एजुकेशन के पीएस  सुकांत आचार्य, कल्याणमय भट्टाचार्य के रिश्तेदार कृष्णा सी. अधिकारी; पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के सलाहकार- 5 सदस्यीय समिति के संयोजक डॉ. एस.पी. सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष सौमित्र सरकार,  स्कूल शिक्षा विभाग के उप निदेशक आलोक कुमार सरकार के ठिकानों पर की थी। इसके बाद मंत्री पार्थ चटर्जी को अरेस्ट कर लिया गया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

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