तीस्ता सीतलवाड़ मामले में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने कहा-वह नफरत व भेदभाव के खिलाफ मजबूत आवाज

Gujarat Riots 2002 सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दंगों से संबंधित मामलों में पीएम मोदी, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अन्य को एसआईटी की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका में जकिया जाफरी की अपील को योग्यताहीन मानते हुए खारिज कर दिया था। जकिया जाफरी कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा हैं, जो दंगों में मारे गए थे।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 26, 2022 3:48 PM IST

नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Sitalvad) को गुजरात दंगों (Gujarat Riots 2002) के केस में हिरासत में लिए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के एक अधिकारी ने चिंता जताई है। यूएन के एक अधिकारी ने तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिए जाने की निंदा करते हुए कहा कि मानवाधिकार की रक्षा करना कोई अपराध नहीं है। मानवाधिकार रक्षकों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लॉलर (Mary Lawlor) ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तीस्ता नफरत और भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत आवाज है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2002 के गुजरात दंगों पर मुखर रहे लोगों को फटकार लगाने के एक दिन बाद, शनिवार शाम को गुजरात पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते ने तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई से हिरासत में ले लिया। कार्रवाई के कुछ घंटे बाद गृह मंत्री अमित शाह ने एक न्यूज एजेंसी के साथ इंटरव्यू में, सीतलवाड़ द्वारा संचालित एनजीओ को 2002 के गुजरात दंगों के बारे में पुलिस को आधारहीन जानकारी देने के लिए दोषी बताया।

गृहमंत्री ने भी तीस्ता के एनजीओ को कटघरे में खड़ा किया

उन्होंने कहा कि मैंने फैसले को बहुत ध्यान से पढ़ा है। फैसले में स्पष्ट रूप से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का उल्लेख है। उनके द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ - मुझे एनजीओ का नाम याद नहीं है - ने पुलिस को दंगों के बारे में आधारहीन जानकारी दी थी।

जाकिया जाफरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया था खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दंगों से संबंधित मामलों में पीएम मोदी, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अन्य को एसआईटी की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका में जकिया जाफरी की अपील को योग्यताहीन मानते हुए खारिज कर दिया था। जकिया जाफरी कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा हैं, जो दंगों में मारे गए थे।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली अदालत की तीन जजों की पीठ ने कहा कि मामले की सह-याचिकाकर्ता सीतलवाड़ ने जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण किया। अदालत ने अपने बयान में कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के पूर्ववृत्तों पर विचार करने की जरूरत है। वह परिस्थितियों की असली शिकार जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण करके अपने गुप्त एजेंडे के लिए प्रतिशोध ले रही थीं।

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