अकसर हिंदी में ही क्यों बोलते हैं PM मोदी, एक मिनिस्टर ने किया ये खुलासा, ऐसे कर रहे प्रमोट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) अकसर हिंदी भाषा(Hindi language) में ही बातचीत करते हैं, भाषण देते हैं। जब तक बहुत जरूरत न हो, खासकर विदेशी प्रतिनिधियों से चर्चा या विदेशी दौरे के समय ही मोदी दूसरी भाषा को प्राथमिकता देते हैं। हिंदी को सबसे अधिक अहमियत देने की वजह से केंद्र के कई मंत्रालयों में इसी भाषा में ही काम होने लगा है। जानिए भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ (Heavy Industries Minister Dr. Mahendra Nath) ने क्या खुलासा किया।

Amitabh Budholiya | Published : Apr 7, 2022 8:42 AM IST / Updated: Apr 07 2022, 02:13 PM IST

नई दिल्ली. भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय(Heavy Industries Minister Dr. Mahendra Nath) ने कहा है कि मोदी सरकार में सरकारी कामकाज में हिंदी का उपयोग काफी बढ़ा है। भारी उद्योग मंत्रालय में वर्ष 2021 के हिंदी पखवाड़े के पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) अकसर हिंदी भाषा(Hindi language) में ही बातचीत करते हैं, भाषण देते हैं। जब तक बहुत जरूरत न हो, खासकर विदेशी प्रतिनिधियों से चर्चा या विदेशी दौरे के समय ही मोदी दूसरी भाषा को प्राथमिकता देते हैं। हिंदी को सबसे अधिक अहमियत देने की वजह से केंद्र के कई मंत्रालयों में इसी भाषा में ही काम होने लगा है। जानिए भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ (Heavy Industries Minister Dr. Mahendra Nath) ने और क्या कहा...

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बिजनेस के साथ दक्षिण के लोग भी हिंदी के महत्व को समझ रहे
मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ ने कार्यक्रम में कहा कि बढ़ते कारोबार के साथ दक्षिण के लोग भी अब हिंदी के महत्व को समझ रहे हैं। डॉ. पांडेय ने मौजूदा केंद्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह की खास तौर से चर्चा करते हुए कहा कि वे किसी भी अन्य भाषा की तुलना में हिंदी को प्राथमिकता देते हैं। उद्योग भवन में खचाखच भरे सम्मेलन कक्ष में उन्होंने अनुवाद के लिए तकनीक का सहारा लेने के संबंध में कहा कि भाषांतर में गूगल सहित अन्य तकनीक की उपयोगिता है, लेकिन इसके इस्तेमाल के समय सावधानी भी रखी जानी चाहिए ताकि अर्थ का अनर्थ न होने पाए।

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भारी उद्योग मंत्रालय में ज्यादातर काम हिंदी में
मंत्री डॉ. पांडेय ने बताया कि उनके मंत्रालय में लगभग सभी फाइलें हिंदी में प्रस्तुत की जा रही हैं। कई अधिकारी अब हिंदी के लिए अनुवाद पर निर्भर न रहकर स्वयं भी मूल कामकाज हिंदी में करने के प्रति प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने में संसदीय राजभाषा समिति के प्रयासों की सराहना भी की।

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34 लोगों को मिले पुरस्कार
पुरस्कार वितरण समारोह में कुल 19 विजेताओं को विभिन्न श्रेणियों में 34 पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव  अरुण गोयल, अपर सचिव निधि छिब्बर, संयुक्त सचिव विजय मित्तल और अमित मेहता, निदेशक रमाकांत सिंह, संयुक्त निदेशक मदनपाल सिंह और उप-सचिव (प्रशासन) राजेश कुमार सहित कई अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक (राजभाषा) कुमार राधारमण ने किया।

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