Taliban की आतंकी गतिविधियों का जवाब देने और अपनी सीमाओं की रक्षा में हम सक्षमः CDS बिपिन रावत

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जैश, अलकायदा समेत विभिन्न आतंकी संगठनों का साथ मिलकर भारत में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने का अंदेशा जताया जा रहा है। पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों का शरणगाह है जबकि तालिबान भी अब अफगानिस्तान पर खुलकर अपना कानून लागू करने आतंकियों को अपने यहां जगह दे दिया है।  

Asianet News Hindi | Published : Aug 25, 2021 12:34 PM IST

नई दिल्ली। तालिबान को लेकर भारत की सुरक्षा एजेंसियों के साथ साथ सेना भी अलर्ट मोड में है। वह अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ बदले समीकरणों पर लगातार निगाह टिकाए हुए है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कड़े शब्दों में कहा कि तालिबान की ओर से या उसकी मदद से किसी प्रकार की आतंकी गतिविधियों को भारत में आने से रोकने में हम सक्षम हैं और सख्ती से निपटेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपनी सीमाओं की रक्षा करने में पूर्णरूप से सक्षम हैं, कोई भी देश आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने या उकसाने के पहले अपने बारे में भी सोच ले। 

जनरल रावत ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वह अमेरिका के हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो के साथ मंच साझा कर रहे थे। 

आतंकवाद पर क्वाड देश को साथ-साथ काम करना चाहिए

सीडीएस जनरल रावत ने कहा कि ‘क्वाड राष्ट्रों‘ को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में सहयोग बढ़ाना चाहिए। जनरल रावत ने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का भारत को अंदेशा था लेकिन जितनी तेजी से वहां घटनाक्रम हुआ, वह चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि तालिबान बीते 20 साल में भी नहीं बदला है। 
जनरल रावत ने कहा कि अफगानिस्तान से उत्पन्न होने वाली आतंकी गतिविधियों के भारत पर पड़ने वाले संभावित असर को लेकर हम चिंतित हैं और इमरजेंसी प्लान भी तैयार कर रहे। 

आतंक के खिलाफ खुफिया जानकारियों के लिए साथ आना होगा

जनरल रावत ने कहा कि आतंकवाद से निपटने और विश्व शांति के लिए सभी क्वाड देशों को साथ मिलकर जानकारियां साझा करनी होगी। सीडीएस ने कहा कि अगर क्वाड देशों से कोई समर्थन मिलता है, कम से कम आतंकवादियों की पहचान और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध लड़ने के लिए खुफिया जानकारी के तौर पर, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

एडमिरल एक्विलिनो ने वैश्विक स्तर पर साथ मिलकर काम पर दिया जोर

अमेरिका के एडमिरल एक्विलिनो ने चीन के आक्रामक व्यवहार को लेकर भारत के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा पर संप्रभुता‘ के साथ ही दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में ‘आधारभूत सुरक्षा चिंताओं‘ को लेकर विस्तार से बातचीत की है। 

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