जयशंकर ने कहा कि प्रस्तावित कानून पर बोलने वाले सभी सदस्यों ने माना कि आतंकवाद एक गंभीर समस्या है, इसलिए सामूहिक विनाश वाले हथियारों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। साथ ही इसका फंडिंग करने वाले भी सभी देशों के लिए यह आवश्यक भी है।
नई दिल्ली। सामूहिक विनाश के हथियारों की फंडिंग पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक को संसद ने स्वीकार कर दिया है। संसद के मानसून सत्र में पास हुए इस बिल में केंद्र सरकार के पास ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों की संपत्तियों को जब्त करने और उनको अटैच करने का अधिकार भी मिल जाएगा। संसद ने सोमवार को Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems (Prohibition of Unlawful Activities) Amendment Bill 2022, को पास कर दिया।
अप्रैल में लोकसभा ने दी थी बिल को मंजूरी
विदेश मंत्री एस.जयशंकर (S. Jaishankar) ने सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक 2022 को राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया। उधर, जब संसद में यह बिल पेश हुआ तो विपक्षी दलों ने अपना विरोध जारी रखा। मूल्य वृद्धि, मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय राउत की गिरफ्तारी समेत अन्य कुछ मुद्दों पर विपक्षी सांसद लगातार विरोध करते रहे। इस बिल को लोकसभा ने अप्रैल में मंजूरी दी थी।
विधेयक पर क्या बोले विदेश मंत्री?
विधेयक पर एक बहस का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रस्तावित कानून पर बोलने वाले सभी सदस्यों ने माना कि आतंकवाद एक गंभीर खतरा है और इसलिए सामूहिक विनाश के हथियार (डब्ल्यूएमडी) प्रतिबंध कानून को लाए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून में केवल व्यापार शामिल है और सामूहिक विनाश के हथियारों की फंडिंग को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक गंभीर समस्या है, इसलिए सामूहिक विनाश वाले हथियारों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। साथ ही इसका फंडिंग करने वाले भी सभी देशों के लिए यह आवश्यक भी है।
अभी तक केवल प्रतिबंध वाला कानून था
दरअसल, देश में सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम 2005 में पारित हुआ था। इस कानून के तहत केवल सामूहिक विनाश के हथियारों के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया।
संशोधन के बाद क्या बदल जाएगा कानून में?
संशोधन विधेयक मौजूदा कानून में एक नई धारा 12A सम्मिलित करने का प्रयास करता है जिसमें कहा गया है कि "कोई भी व्यक्ति किसी की भी गतिविधि को फंड नहीं करेगा जो इस अधिनियम के तहत या संयुक्त राष्ट्र (सुरक्षा परिषद) अधिनियम, 1947 या किसी अन्य प्रासंगिक अधिनियम के तहत निषिद्ध है। सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके वितरण प्रणालियों के संबंध में, या ऐसे किसी अधिनियम के तहत जारी किए गए आदेश द्वारा समय पर लागू हो।"
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