आखिर क्यों ED के सामने पूछताछ के लिए पहुंचीं सोनिया गांधी, जानें क्या है नेशनल हेराल्ड केस

नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुवार को पूछताछ कर रहा है। बता दें कि सोनिया गांधी को पहले भी तीन बार ED की ओर से समन भेजा गया था, लेकिन तबीयत खराब होने की बात कहते हुए वो पूछताछ में शामिल नहीं हो पाई थीं।

National Herald Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ कर रहा है। 12 बजे के बाद ईडी अफसरों ने उनसे पूछताछ शुरू की है। बता दें कि सोनिया गांधी को पहले भी ED की ओर से समन भेजा गया था, लेकिन तबीयत खराब होने की बात कहते हुए वो पूछताछ में शामिल नहीं हो पाई थीं। बता दें कि इससे पहले सोनिया गांधी को ED के नोटिस पर 8, 11 और 23 जून को पहुंचना था, लेकिन सोनिया गांधी ने इसके लिए वक्त मांगा था। आखिर क्या है नेशनल हेराल्ड केस और क्यों इस मामले में राहुल गांधी के बाद अब सोनिया गांधी से पूछताछ कर रहा है ईडी, आइए जानते हैं।

ED के अफसरों ने बनाई 50 सवालों की लिस्ट : 
ED सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी से पूछताछ के लिए ED अफसरों ने 50 सवालों की लिस्ट बनाई है। सोनिया गांधी से पूछताछ के लिए दो असिस्टेंट डायरेक्टर और एक महिला असिस्टेंट डायरेक्टर ड्यूटी पर तैनात हैं। बता दें कि इससे पहले सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी से ईडी 5 बार पूछताछ कर चुका है। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने राहुल से करीब 54 घंटे तक पूछताछ की थी। 

Latest Videos

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
बीजेपी के सीनियल लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं (राहुल-सोनिया गांधी के अलावा और भी कई नेता) ने गलत तरीके से यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का अधिग्रहण किया है। उनका आरोप था कि ये सारा मामला दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था। 

नेशनल हेराल्ड केस में क्या-क्या हुआ?
- 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने Associate Journal Limited नाम से एक कंपनी बनाई। ये कंपनी नेशनल हेराल्ड नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी। चूंकि कंपनी अखबार निकालती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दाम पर सरकारों से जमीन मिल गई।
- सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि सोनिया और राहुल गांधी ने मिलकर एक ऐसी कंपनी बनाई, जिसका मकसद बिजनेस करना नहीं, बल्कि अपनी बनाई कंपनी के  जरिए (AJL) को खरीदकर उसकी 2 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति पर कब्जा करना था। 
- इसके बाद सोनिया-राहुल ने 26 फरवरी, 2011 को 5 लाख रुपए की लागत से यंग इंडिया कंपनी बनाई। इस कंपनी में सोनिया और राहुल की 38-38% की हिस्सेदारी है। बाकी 24% की हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। ये दोनों ही अब जिंदा नहीं हैं।
- चूंकि (AJL) के पास पहले से ही कर्ज था। ऐसे में सोनिया-राहुल की कंपनी यंग इंडिया ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) की 90 करोड़ की देनदारियों का जिम्मा अपने उपर ले लिया। 
-  बाद में सोनिया गांधी की कंपनी ने AJL के 10-10 रुपए के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडियन' को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडिया को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 
- 9 करोड़ शेयर के साथ सोनिया गांधी यंग इंडिया को इस कंपनी के 99% शेयर मिल गए। बाद में कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। इस तरह राहुल-सोनिया गांधी की कंपनी 'यंग इंडिया' को मुफ्त में (AJL) का स्वामित्व मिल गया। 

ये भी देखें : 

National Herald: नेहरु ने आजादी से पहले शुरू किया अखबार, बीच में बंद भी हुआ; जानें 85 साल में क्या-क्या हुआ

National Herald Case: राहुल-प्रियंका के साथ ED दफ्तर पहुंचीं सोनिया गांधी, कांग्रेस का संसद से सड़क तक हंगामा

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!