सूचना प्रोद्योगिकी कंपनी टेक महिंद्रा ने सोमवार को घोषणा की कि यह लीग फ्रेंचाइजी आधार पर खेली जाएगी। पांच बार विश्व चैंपियन और भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन मेंटर, सलाहकार की अहम भूमिका निभाएंगे।
करियर डेस्क. टेक महिंद्रा, चेस के पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन के साथ ‘ग्लोबल चेस लीग’ शुरू करने जा रहा है। इस लीग में पांच बार विश्व चैंपियन और भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन मेंटर, सलाहकार की अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही इस लीग का लक्ष्य सभी खिलाड़ियों को जोड़ना है जिसमें पेशेवर और अन्य खिलाड़ी भी शामिल हैं।
सूचना प्रोद्योगिकी कंपनी टेक महिंद्रा ने सोमवार को घोषणा की कि यह लीग फ्रेंचाइजी आधार पर खेली जाएगी। दुनिया भर में इस लीग की आठ फ्रेंचाइजी टीमें होंगी। हर टीम में महिला और पुरुष खिलाड़ियों के अलावा जूनियर और वाइल्ड कार्ड एंट्री खिलाड़ियों को टीम में जगह मिलेगी जो राउंड रोबिन टास्क में एक दूसरे से भिड़ेंगे। जल्द ही इस लीग की टीम और गेम स्ट्रक्चर से जुड़ी जानकारी भी सामने आ जाएंगी।
ग्रैंडमास्टर आनंद ने ट्वीट किया, ‘‘निजी गौरव के पल, मुझे एक वर्ल्ड चैंपियनशिप की घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है जिसकी जड़े भारत से जुड़ी हैं।’’ दरअसल शतरंज को भारत का प्राचीन खेल कहा जाता है। शतरंज खेल की उत्पत्ति लगभग 700 ई.पू भारत में 'चतुरंग' के रूप हुई थी। अब महिंद्रा इस खेल में प्रोत्साहन के लिए वर्ल्ड लेवल पर चैंपियनशिप लीग का आयोजन कर रहे हैं।
विश्वनाथन आनंद का सफर
भारत केवल क्रिकेट ही नहीं चेस (शतरंज) में वर्ल्ड चैंपियन है। विश्वनाथन आनंद (Vishwanathan Anand) ने एक दो बार नहीं बल्कि पांच बार देश को वर्ल्ड चैंपियन बनाया है। आनंद ने मात्र छह साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। शतरंज खेलने का हुनर उन्हें मां से विरासत में मिला है। शुरुआत में आनंद के बड़े भाई-बहन भी शतरंज खेला करते थे, उनको देखकर ही आनंद ने खेलना शुरू किया।
पिता विश्वनाथन कृष्णमूर्ति के फिलीपींस शिफ्ट होने के बाद आनंद मनीला में भी शतरंज खेलते रहे। यहां उन्होंने इस खेल को बारीके से सीखना शुरू किया और वर्ल्ड चैंपियन तक बनने का मुकाम हासिल किया।
आनंद इतिहास के उन 9 खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने फीडे विश्व चैस चैम्पियनशिप में पुराने रिकॉर्ड्स को तोड़ा और वे 21 महीनों तक वर्ल्ड के नंबर 1 खिलाड़ी बने रहे।