तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat) समेत 13 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) अकेले बचे हैं।
चेन्नई। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat) समेत 13 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) अकेले बचे हैं। वे बुरी तरह झुलस गए हैं और उनकी हालत गंभीर है। इस घटना से देशभर में शोक की लहर है। सीडीएस समेत जवानों को जानने वाले लोग बेहद स्तब्ध हैं और उन्हें याद कर रहे हैं। अब ये सामने आया है कि जनरल बिपिन रावत हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद भी जिंदा थे। उन्होंने हेलिकॉप्टर Mi-17V5 के मलबे से निकाले जाने पर हिंदी में अपना नाम भी बताया था। यह जानकारी बचाव दल के एक सदस्य ने दी। जनरल रावत के साथ एक अन्य सवार को भी निकाला गया था। बाद में उनकी पहचान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के रूप में हुई। ग्रुप कैप्टन वरुण हादसे में जिंदा बचे एकमात्र शख्स हैं। उनका अभी इलाज चल रहा है।
वरिष्ठ फायरमैन और बचावकर्मी एनसी मुरली के मुताबिक, हादसे की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि हमने दो लोगों को जिंदा बचाया। इनमें से एक CDS रावत थे। मुरली का कहना था कि जैसे ही हमने उन्हें (रावत) बाहर निकाला, उन्होंने रक्षा कर्मियों से हिंदी में धीमी आवाज में बात की और अपना नाम बोला। मैं जनरल बिपिन... बचावकर्मी तुरंत उन्हें अस्पताल लेकर भागे। लेकिन शरीर के निचले हिस्से में गहरे जख्म होने के कारण देश का यह वीर सपूत हमेशा के लिए सो गया। मुरली ने बताया कि जनरल रावत की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई। मुरली के अनुसार, वो तुरंत दूसरे व्यक्ति की पहचान नहीं कर सके, जिसे अस्पताल ले जाया गया और उसका अभी इलाज चल रहा है। बाद में दूसरे शख्स की पहचान वरुण के तौर पर हुई।
चादर में लपेटा और एंबुलेंस में लेकर गए थे
मुरली ने बताया कि जनरल रावत ने बताया कि उनके शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोटें आई हैं। इसके बाद उन्हें चादर में लपेटा और एंबुलेंस तक लेकर गए। इसके बाद अस्पताल चले गए थे। बचाव दल को इस इलाके में रेस्क्यू में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यहां आग बुझाने के लिए दमकल वाहन को ले जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था। मुरली ने कहा कि हमें पास की नदी और घरों से बर्तनों में पानी लाना पड़ता था। ऑपरेशन इतना कठिन था क्योंकि हमें लोगों को बचाने या शवों को निकालने के लिए हेलिकॉप्टर के नुकीले टुकड़ों को अलग करना पड़ा।
उखड़ा पेड़ बना रेस्क्यू में बाधा
मुरली ने बताया कि बचाव कार्य में एक उखड़ा पेड़ बाधा बन गया था। इसे काटना पड़ा। इस सब ने हमारे बचाव कार्य में देरी की। उन्होंने बताया कि हमने 12 शव बरामद किए। दो लोगों को जिंदा निकाल लिया था। दोनों गंभीर रूप से झुलस गए थे। बाद में भारतीय वायुसेना के जवान आधे रास्ते में बचाव अभियान में शामिल हो गए। वे टीम को हेलिकॉप्टर के क्षतिग्रस्त हिस्सों में ले गए। मलबे के बीच हथियार पड़े थे। इसलिए हमें सावधानी से ऑपरेशन करना पड़ा।
हेलिकॉप्टर हादसे पर रक्षा मंत्री आज संसद में देंगे बयान
हेलिकॉप्टर हादसे पर गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में बयान देंगे और दोपहर को राज्यसभा में। रक्षा मंत्री सिंह ने आर्मी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इसकी जानकारी पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को दी। वे बुधवार को जनरल बिपिन रावत के घर गए थे। वायु सेना ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठाई है। दूसरी ओर राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने हेलिकॉप्टर हादसे की जांच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज से कराने की मांग की। उन्होंने इस घटना को चौंकाने वाला और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चेतावनी बताया है। उन्होंने कहा है कि अंतिम रिपोर्ट नहीं आई है। इसलिए मेरे लिए कुछ भी कहना बहुत मुश्किल है।
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