महाराष्ट्र में एक शहीद की पत्नी ने दावा किया है कि नांदेड़ के एक स्कूल ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से पत्र मिलने के बावजूद उनकी बेटी को स्कूल में दाखिला देने से इनकार कर दिया है।
औरंगाबाद, (महाराष्ट्र). महाराष्ट्र में एक शहीद की पत्नी ने दावा किया है कि नांदेड़ के एक स्कूल ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से पत्र मिलने के बावजूद उनकी बेटी को स्कूल में दाखिला देने से इनकार कर दिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा अधिकारी प्रशांत दिग्रास्कर ने यहां बुधवार को पत्रकारों को कहा कि वे तथ्यों की जांच करेंगे और जरूरत पड़ने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश करेंगे।
2016 में एक अभियान के दौरान शहीद हो गया था जवान
शीतल कदम के पति नवंबर 2016 में जम्मू जिले के नगरोटा सेक्टर में एक अभियान में शहीद हो गए थे। कदम ने कहा कि स्कूल ने कक्षा एक में उनकी बेटी तेजस्विनी को दाखिला देने से इनकार कर दिया। उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं पिछले 15 दिन से स्कूल के चक्कर काट रही हूं। लेकिन उन्होंने मेरी बेटी को दाखिला देने से इनकार कर दिया जबकि मैं स्कूल फी भरने को तैयार हूं और मेरे पास सैनिक कल्याण कार्यालय से पत्र भी है।’’इसके साथ ही महिला ने दावा किया कि जब उन्होंने स्कूल के कर्मी से संपर्क किया तो उन्होंने उनका अपमान भी किया।
सैनिक कल्याण कार्यालय ने दाखिले के लिए जारी किया पत्र
सैनिक कल्याण कार्यालय में अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने स्कूल के साथ साथ जिला परिषद के शिक्षा विभाग को भी पत्र जारी किया है और उनसे शहीद के बच्चे को दाखिला देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह पता चलता है कि उन्होंने हमारे पत्र को नजरअंदाज किया है तो हमलोग स्कूल के अधिकारियों को तलब करेंगे।’’ वहीं कदम ने दावा किया कि पत्र जारी होने के बाद वे उसे लेकर स्कूल के काउंटर पर गईं थी जहां उसे खारिज कर दिया गया। जब इस मामले पर नांदेड़ जिला परिषद शिक्षा अधिकारी से पुछा गया तो उनका कहना है कि सरकारी संकल्प के अनूसार कोई भी स्कूल शहीदों के बच्चों को दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकता है। जब इस पूरे मामले पर पत्रकारों ने स्कूल का पक्ष जानना चाहा तो स्कूल के अधिकारियों ने बात करने से इनकार कर दिया।
मंत्री ने कहा नियमों की जांच कर रहा हूं ,दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई
इस बीच नांदेड़ के पालक मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि वह मामले पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने बताया, ‘‘मुझे तेजस्विनी कदम के दाखिला मुद्दे के बारे में पता चला। अब नागार्जुन पब्लिक स्कूल उन्हें दाखिला देने के लिए सामने आया है। मैं दाखिला नियमों और कथित स्कूल के रुख की जांच कर रहा हूं, जिसके अनुरूप हमलोग कार्रवाई करेंगे।’’
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)