अकाली दल का ऐलान- नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे बिक्रम मजीठिया, अमृतसर पूर्व से उम्मीदवार बनाया

Published : Jan 26, 2022, 06:24 PM ISTUpdated : Jan 26, 2022, 06:41 PM IST
अकाली दल का ऐलान- नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे बिक्रम मजीठिया, अमृतसर पूर्व से उम्मीदवार बनाया

सार

 शिरोमणि अकाली दल ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। पार्टी की तरफ से साफ किया गया है कि अमृतसर पूर्व से बिक्रम सिंह मजीठिया उम्मीदवार होंगे। 

चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। पार्टी की तरफ से साफ किया गया है कि अमृतसर पूर्व से बिक्रम सिंह मजीठिया उम्मीदवार होंगे। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बिक्रमजीत सिंह मजीठिया अमृतसर पूर्व से नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। सिद्धू का अहंकार खत्म करने के लिए मजीठिया चुनाव लड़ेंगे। वो अहंकारी हो गया है कि उसमें मैं आ गया है, उसे पता चलेगा कि पंजाब की जनता उसे पसंद नहीं करती है। बता दें कि इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से नवजोत सिंह सिद्धू को उम्मीदवार बनाया गया है। ऐसे में मुकाबला अब रोचक होने जा रहा है। ये हॉट सीट बन गई है।

हाल ही में खुद मजीठिया ने कहा था कि वे अमृतसर पूर्व से सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते हैं। बता दें कि ड्रग्स केस में मजीठिया के खिलाफ सिद्धू ने मोर्चा खोला था और उनके खिलाफ दबाव बनाकर एफआईआर दर्ज करवाई है। उसके बाद से मजीठिया की मुश्किलें बढ़ गई थीं। एक दिन पहले मंगलवार को मजीठिया को हाइकोर्ट से गिरफ्तारी पर राहत मिली है। कोर्ट ने मजीठिया की गिरफ्तारी पर तीन दिन की छूट देने के आदेश दिए हैं।

सिद्धू और शिअद में पुरानी राजनीतिक अदावत
बिक्रम मजीठिया और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच राजनीतिक अदावत काफी पुरानी है। जिस वक्त सिद्धू भाजपा में थे, तब उन्होंने एनडीए की सहयोगी पार्टी शिअदल के नेता बिक्रम मजीठिया पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। माना जाता है कि शिअद की नाराजगी की वजह से ही भाजपा ने 2014 में नवजोत सिंह सिद्धू को अमृतसर से लोकसभा का टिकट नहीं दिया था और यहां से दिवंगत नेता अरुण जेटली को मैदान में उतारा था। हालांकि, जेटली तब ये चुनाव हार गए थे। बाद में सिद्धू कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

कौन हैं मजीठिया
बिक्रम मजीठिया एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और पार्टी के तेजतर्रार नेताओं में गिने जाते हैं। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले हैं और मोदी सरकार में मंत्री रहीं हरसिमरत कौर के भाई हैं। इस बार शिअद बसपा के साथ मिलकर लड़ रही है। इस बार शिअद 97 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बता दें कि 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया।

पंजाब चुनाव में ऐसा है पूरा कार्यक्रम
कुल विधानसभा सीटें- 117
नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख- 25 जनवरी
नामांकन की आखिरी तारीख- 1 फरवरी
नामांकन पत्रों की जांच- 2 फरवरी
नाम वापसी की अंतिम तारीख- 4 फरवरी
मतदान- 20 फरवरी
रिजल्ट- 10 मार्च

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