किसान आंदोलन के दौरान गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों की मांगों को उठाते हुए आंदोलन को और मजबूत किया था। पिछले साल पंजाब से आ रही किसानों की ट्रॉलियों को रोके जाने पर भी चढूनी ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर किसानों को दिल्ली नहीं आने दिया गया और उनकी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदर्शन और तेज होगा।
चंडीगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ चलाए गए किसान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक रहे गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) दोबारा सियासी पारी खेलने की तैयारी में हैं। वे 18 दिसंबर यानी शनिवार को अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान करेंगे। गुरनाम सिंह चढूनी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक उनकी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) में किस्मत आजमाने मैदान में उतरेगी। किसान आंदोलन के दौरान गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों की मांगों को उठाते हुए आंदोलन को और मजबूत किया था। पिछले साल पंजाब से आ रही किसानों की ट्रॉलियों को रोके जाने पर भी चढूनी ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर किसानों को दिल्ली (Delhi) नहीं आने दिया गया और उनकी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदर्शन और तेज होगा।
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस
किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद ही गुरनाम सिंह चढूनी ने साफ कर दिया था कि वह अपना मिशन पंजाब जारी रहेंगे। गुरनाम सिंह चढूनी की ओर से चंडीगढ़ में 18 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही गुरनाम सिंह चढूनी अपनी नई राजनीतिक पार्टी से पर्दा हटाएंगे। पिछले कई महीनों से गुरनाम सिंह चढूनी मिशन पंजाब के तहत पंजाब के खेती किसानी के अलावा दूसरे मुद्दों पर भी आवाज उठा रहे हैं। उनका मानना है कि राजनीतिक में बदलाव करने के लिए सिर्फ आंदोलन करने से काम नहीं चलेगा।
चुनाव लड़ने पर सस्पेंस
हालांकि गुरनाम सिंह चढूनी की नई पार्टी का चेहरा कौन होगा, इस पर स्थिति ज्यादा साफ नहीं है। उनके भी पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना कम है क्योंकि वह हरियाणा (Haryana) से आते हैं और उनके पास पंजाब में 6 महीने पुराना स्थाई पता नहीं है। गुरनाम सिंह चढूनी पहले भी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) से टिकट की दावेदारी पेश की थी लेकिन एक मुकदमें की वजह से आम आदमी पार्टी ने चढूनी की बजाय उनकी पत्नी को टिकट दिया था।
पंजाब में अगले साल चुनाव
बता दें कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में विधानसभा की 117 सीटें हैं। प्रदेश में होने वाले चुनाव को देखते हुए सभी दलों ने कमर कस ली है। सभी दलों की ओर से मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए अभी से ही तरह-तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं और ताबड़तोड़ रैलियां की जा रही हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने भी अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का ऐलान किया था। विधानसभा चुनावों में वह बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकते हैं।
पिछले चुनाव के क्या था नतीजे
पिछले चुनावों के नतीजों की बात करें तो 2017 के चुनाव में कांग्रेस (congress) ने 77 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था और एक दशक के बाद शिरोमणि अकाली दल -बीजेपी सरकार को बाहर का रास्ता दिखाया था। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी क्योंकि उसने कुल सीटों में से 20 पर जीत हासिल की थी।
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