भयानक थे वो 7 दिन...पंजाब की बेटी ने बताई यूक्रेन से इंडियन एंबेसी तक पहुंचने की दिल दहला देने वाली कहानी

यूक्रेन से पंजाब की बेटी तनुश्री अपने घर सही सलामत लौट आई  है। लेकिन उसने वहां के बारे में जो कहानी बयां की है वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है। उसने बताया कि पता नहीं वो कैसे वहां से जिंदा लौटी है। 

लुधियाना (पंजाब). यूक्रेन में रूस (russia ukraine war ) की भारी बमबारी जा रही है। दोनों देशों के बीच पिछले 8 दिनों से युद्ध  चल रहा है। वहीं यूक्रेन में फंसे भारतीयों (Indian in ukraine) को निकालने के लिए भारत सरकार ने अभियान और तेज कर दिया है। कई भारतीय स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं और कई वापस अपनी मातृभूमि पर आ चुके हैं। वहीं पंजाब की बेटी तनुश्री अपने घर सही सलामत लौटी है। लेकिन उसने वहां के बारे में जो कहानी बयां की है वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है। उसने बताया कि पता नहीं वो कैसे वहां से जिंदा लौट आई। क्योंकि यूक्रेन के सैनिकों ने हम पर बंदूंके तान दी थीं। पढ़िए पूरी कहानी उसके ही शब्दों में..जो दिल दहला देगी...

दर्दनाक था यूक्रेन से इंडियन एंबेसी तक सफर 
दरअसल, आज गुरुवार को तनुश्री दिल्ली से लुधियाना पहुंची है। वह मूल रूप से पंजाब के बल्लोवाल गांव की रहने वाली है। हालांकि अब  21 वर्षीय तनुश्री ने यूक्रेन के हालातों के बारे में जानकारी दी।उसने बताया कि वह यूक्रेन की ट्रानोपॉल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के तीसरे साल की छात्रा है। जब उसको कीव में हुए हमले के बारे में पता चला। तब वह अपने कुछ दोस्तों के साथ बस में चढ़ गई। उसने बताया कि बस चालक ने उनको रास्ते में ही रोक लिया। जिसके बाद उन्हें काफी पैदल जाना पड़ा। तनुश्री बताती हैं कि हालात इतने खराब थे कि यूक्रेन के लोग उसकी मदद तक नहीं कर रहे थे। 

Latest Videos

यह भी पढ़ें-5 दिन का सफर तय कर यूक्रेन से लौंटी 2 बहनें, बोलीं-तिरंगे ने की रक्षा, पाकिस्तानी भी हमारा झंडा लेकर निकले

रोंगटे खड़े कर देने वाली बताई दास्तां
तनुश्री ने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में माइनस 26 डिग्री सेल्सियस तापमान में देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे अपने पिता नायब सूबेदार से वीडियो कॉल पर बात की थी।उनके पिता पिछले 7 दिन से बेटी की चिंता में सो नहीं पाए। उन्होंने बताया के अपनी बेटी को युद्ध के मैदान में फंसा देखकर उन्हें कैसा प्रतीत हो रहा था, वह चैन की सांस तक नहीं ले पा रहे थे। तनु के पिता की लाहौल स्पीति में कुछ दिन पहले ही तैनाती की गई है।पहले वह पुणे में थे।उनकी माता भी बेटी के लौटने पर पुणे से लुधियाना आ गई। तनु ने बुआ मीरा और परिवार को आपबीती बताई जिसको सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते है।

वो भयानक पल याद कर कांप उठती है रूह
तनु बताती है कि 7 दिन उसकी जिंदगी के सबसे भयानक दिन थे। जिसको वह कभी भी भूल नहीं पाएगी। उसने कहा मैं घर तो पहुंच गई है, लेकिन उन पलों के बारे में सोच कर आज भी उसकी रूह कांप उठती है। बीती 23 फरवरी तक उसने बताया कि सब कुछ सामान्य था। लेकिन 24 के बाद सब कुछ एकदम से बदल गया। चारों और अफरा-तफरी मच गई। हमें कॉलेज के हॉस्टल के बंकर में भेज दिया गया। हमें वहां से गोलाबारी और धमाकों की आवाज सुनाई देती थी।छोटे से बंकर में 500 से 800 विद्यार्थी जानवरों की तरह ठूसे गए थे। उसने कहा कि वहां बैठने के लिए भी बड़ी मुश्किल से जगह मिल रही थी। जैसे तैसे छात्रों ने रात और दिन गुजारे अगले दिन के बारे में उसने बताया कि हमने बंकर में छुप कर बैठने की जगह दूसरे देशों के बॉर्डर तक पहुंचने की कोशिश करेंगे और उसके साथ करीब 60 छात्रों ने 100-100 डालर इकट्ठा कर चुका बॉर्डर तक जाने के लिए बस बुक कराई। पोलैंड का बॉर्डर भी पास था। 

यह भी पढ़ें-यूक्रेन से मौत के मुंह से लौटी इस बेटी ने बताया वहां का भयावह मंजर,कैसे कीव शमशान और खंडहर में तब्दील हो चुका

माइनस 2 डिग्री भूखे-प्लासे पैदल चलते गए
25 फरवरी की रात को बस में सवार होकर निकल गए लेकिन 26 की सुबह बस ड्राइवर ने उन्हें बॉर्डर से 50 किलोमीटर पीछे ही उतार दिया तापमान -2 डिग्री सेल्सियस था। और ऊपर से अफ्रीकन लड़के लड़कियां उनको और भी परेशान कर रहे थे। उसने बताया कि हमारे पास कोई रास्ता नहीं था। इसलिए वह पैदल ही बॉर्डर की ओर चल पड़े। पास में ना कुछ खाने के लिए था और ना ही पीने के लिए ठंड से बचने के लिए स्थानक लोगों से गर्म कपड़े, वह बॉर्डर तक जाने के लिए उन्होंने मदद मांगी,  लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। उसने बताया कि आखिरकार शाम 5:00 बजे वह मैदुका बॉर्डर से पहले यूक्रेन के चेकप्वाइंट पर पहुंचे। 

पूरी रात सड़क पर बैठे रहे, यूक्रेन के सैनकों ने सोने नहीं दिया
तनुश्री ने बताया कि सेना ने उन्हें बॉर्डर पार नहीं करने दिया तो वह सड़क पर ही बैठ गए। ठंड के कारण छात्रों की हालत काफी खराब होने लगी थी। पूरी रात वहीं पर उन्होंने बैठे-बैठे गुजारी यूक्रेन के सैनिकों ने भी उन्हें सोने नहीं दिया। गुस्से में जब कुछ छात्र चिल्लाने लगे तो सैनिकों ने उन पर बंदूक तान दी और हवा में फायर की।उसने कहा कि तब हम समझ गए कि यूक्रेन के सैनिक उन्हें जल्दी जाने नहीं देंगे। तब हमारी उम्मीद दम तोड़ने लगी थी। उधर कुछ छात्रों ने वापस जाने के लिए कैब तक बुक करा ली। इसी के बीच उन्हें मोबाइल पर सूचना मिली की बॉर्डर खुल गया है। और उन्हें 50 50 के ग्रुप में जाने दिया जाएगा। 2 किलोमीटर आगे जाने लाइन में खड़े होने के दौरान उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 27 फरवरी की रात उसने उन्होंने इमीग्रेशन ऑफिस के बाहर बैठकर गुजारी। वहां भी नशे में धुत स्थानक नौजवानों ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया और 28 की सुबह उन्हें पोलैंड में एंट्री मिली। हालांकि भारतीय लड़कों ने उनकी काफी मदद की यूक्रेन के सैनिकों के प्रति यूक्रेन के सैनिकों का उनके प्रति भी बहुत सख्त रवैया रहा। पोलैंड की एंट्री प्वाइंट पर उन्हें वीजे की जरूरत ही नहीं पड़ी। भारतीय अधिकारियों के कहने पर मोहर लगाकर वहां बने एंबेसी पहुंची और वहां से भारतीय दूतावास उन्हें बस के जरिए एक होटल में ले गया जहां उनका इलाज करवाया गया।

यह भी पढ़ें-यूक्रेन में फंसी बेटी के लिए बिलख रहा परिवार, मां रोते हुए बोली-48 घंटे से बात नहीं हुई, वो कहां है पता नहीं

एमबीबीएस की पढ़ाई के बारे में सरकार से की अपील
एमबीबीएस की पढ़ाई के बारे में बताया कि यहां पढ़ाई बहुत महंगी है जबकि मौजूदा हालातों में भी उन्हें वहीं से अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ेगी क्योंकि उसने बहुत सारा पैसा खर्च करके 3 साल तक की पढ़ाई पूरी की है।

तनुश्री की बुआ ने सरकार से की अपील
तनुश्री की बुआ ने पत्रकारों से बात करते वक्त बताया क्यों नहीं उम्मीद नहीं थी कि उनके बच्ची घर वापस सही सलामत अब लौट आएगी। उन्होंने कहा कि परिवार के पास इतना ज्यादा पैसा नहीं था कि वह भारत में मेडिकल की पढ़ाई उसे करवा सके। इसलिए उसने भारत सरकार से अपील की है कि इन बच्चों की तरफ भी कोई खास ध्यान दिया जाए।

 यह भी पढ़ें-यूक्रेन बॉर्डर पर बेरहमी:माइनस 5 डिग्री में छात्र घुट-घुटकर जी रहे, लड़कियों साथ क्रूरता,पढ़िए दर्दभरी दास्तां

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?