सार

भारत के हजारों छात्र अभी भी यूक्रेन की बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। चारों तरफ मिसाइल और बम के हमले हो रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी स्टूडेंट हैं जिनका अपने परिवार से संपर्क ही नहीं हो पा रहा है। इसी बीच माहाराष्ट्र के औरंगाबाद से एक इमोनशनल मामला सामने आया है। 

मुंबई (महाराष्ट्र). रूस-यूक्रेन (Russia Ukraine War) के बीच चल रहे हैं युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। कुछ ने जहां पड़ोसी देशों में शरण ले ली है तो कुछ ऐसे भी हैं जो अभी भी यूक्रेन की बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। चारों तरफ मिसाइल और बम के हमले हो रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी स्टूडेंट हैं जिनका अपने परिवार से संपर्क ही नहीं हो पा रहा है। इसी बीच माहाराष्ट्र के औरंगाबाद से एक इमोनशनल मामला सामने आया है। जहां एक महिला ने मीडिया के सामने अपना दर्द बयां करते हुए कहा- उनकी बेटी को पिछले 48  घंटे से कोई पता नहीं चल पा रहा है। वह किस हाल में इसकी जानकारी नहीं लग रही है। हमें बहुत ही घबराहट हो रही है।

 48 से बेटी का नहीं चल पा रहा है कोई पता
दरअसल, मीडिया के सामने अपना दर्द बयां करने वाली यह महिला हर किसी को जान बचाने की फिक्र है। इसी बीच उस्मानाबाद में रहने वाली कलिंदा थिटे हैं, जो कि पेशे से एक टीचर हैं। जिनकी बेटी निकिता यूक्रेन में युद्ध के चलते वहां पर फंस गई है। पिछले 5 दिन से उससे रोजाना बात हो रही थी। लेकिन 48 पहले उनकी निकिता से आखिरी बार फोन पर बात हुई थी। 

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मां ने रोते हुए सरकार से की विनती
कलिंदा ने कहा कि उसे आखिरी बार 2 दिन पहले निकिता का संदेश मिला था। उसने कहा था कि वो फिलहाल  सुरक्षित है और दूतावास जा रही है। इतना ही नहीं उसने व्हाट्सएप के जरिए अपनी लोकेशन भी शेयर की थी। लेकिन अब उसके दोस्तों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। हम महाराष्ट्र सरकार और मोदी सरकार से अपील करते हैं की जल्द से जल्द हमारी बेटी के बारे में पता लगाया जाए।

 कीव में फंसी महाराष्ट्र की बेटी निकिता
बता दें कि निकिता थिटे कीव से 830 किलोमीटर दूर लुगांस्क स्टेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। वह मेडिकल में चौथी वर्ष की छात्रा है। पिछले कुछ दिन से निकिता की ऑनलाइन क्लास चल रही थी, इसलिए वह किराए के अपार्टमेंट में अपने दोस्तों के साथ कीव में रह रही थी। इसी दौरान जब रूस ने हमला किया तो उसे एक बंकर में भेज दिया गया। रोजाना उससे बात हो रही थी, लेकिन सोमवार से उसका कोई पता नहीं है।  

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