कांग्रेस में अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहा है। उन्होंने खुद कहा उन्हें जो जिंम्मेदारी दी जाएगी वह उसे निभाएंगे।
जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए पूरे देश की कांग्रेस शिद्दत से जुट गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपनी बॉडी लैंग्वेज से राष्ट्रीय अध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद संभालने का संकेत दे चुके हैं। लेकिन क्या वे वास्तव में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं...? क्या वास्तव में राहुल गांधी ने इस पद के लिए मना कर दिया है....? क्या आने वाले दिनों में अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे....?
इन 3 लोगों को हर बात का पता आगे क्या होने वाला...
इन सवालों के जवाब सिर्फ तीन ही लोग जानते हैं उनमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी और खुद अशोक गहलोत हैं । लेकिन राजस्थान में जो माहौल चल रहा है वह बिल्कुल अशोक गहलोत के पॉजिटिव है। राजस्थान की कांग्रेस आश्वस्त है कि जल्द ही दिल्ली से बड़ी जिम्मेदारी का समाचार मिलने वाला है।
राजस्थान सियासत में हर तरफ यही चर्चा...
आज राजस्थान में राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस ओर इशारा किया है। डोटासरा का कहना था कि राहुल गांधी यह जिम्मेदारी नहीं संभालते हैं ,तो यह जिम्मेदारी राजस्थान को तोहफे के रुप में मिलने वाली है। उसके बाद प्रदेश की कांग्रेस को भी दोहरी जिम्मेदारी का मान रखना होगा। 2023 के साथ हमें 2024 के चुनाव के लिए भी मिलजुल कर काम करना होगा और पॉजिटिव रिजल्ट देने होंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र भर सकतें हैं अशोक गहलोत
गोविंद सिंह डोटासरा ओबीसी विभाग के सम्मेलन में बोल रहे थे । ओबीसी विभाग का यह सम्मेलन प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में चल रहा था। इस दौरान जब मीडिया कर्मियों ने सवाल पूछे तो डोटासरा ने इनके यह पॉजिटिव जवाब दिए। उनका कहना था कि जल्द ही राजस्थान को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है यह लगभग तय है। हालांकि इसके लिए जो प्रक्रिया है उस प्रक्रिया को फॉलो किया जाना है । गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली गए हैं । वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र भर सकते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए पॉजिटिव साइन दिए हैं ।
अशोक गहलोत ने कहा-'समय बताएगा कि मैं कहा रहूंगा, कहां नहीं रहूंगा
वहीं इस पूरे मामले को लेकर अशोक गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा-आज मुझे पार्टी ने सबकुछ दिया है, हाईकमान ने सबकुछ दिया है, पिछले 40 साल, 50 साल से मैं पदों पर ही हूं, मेरे लिए अब कोई पद इम्पोर्टेंट नहीं है, मेरे लिए है कि किस प्रकार से मैं जो भी जिम्मेदारी मिलेगी मुझे या जो जिम्मेदारी मुझे लेनी चाहिए, वो मैं निभाऊंगा। एक पद, एक व्यक्ति फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा तो ये है कि मैं किसी पद पर न रहूं। लेकिन 'समय बताएगा कि मैं कहा रहूंगा, कहां नहीं रहूंगा।