7 बेटियों के सिर से उठा माता-पिता का साया, 4 साल का बेटा मां के शव से लिपटकर चीख रहा-पूरे गांव में कोहराम

राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। जहां सड़क हादसे में 7 बेटी और एक बेटे के सिर से माता-पिता का साया उठ गया। आठों बच्चे अपने माता-पिता के शव से लिपट बिलख रहे हैं। बच्चों की चीखों से पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है।
 

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 15, 2022 6:05 AM IST / Updated: Nov 15 2022, 01:35 PM IST

बाड़मेर (राजस्थान). एक पल जीवन में क्या से क्या कर सकता है, इसका जवाब बाड़मेर में रहने वाली इन सात बहनों से पूछिए....। एक ही पल में माता पिता का साया जीवन से उठ गया। इकलौता और सबसे छोटा भाई जीवन और मौत के बीच झूल रहा है, इतने पैसे भी नहीं है कि उसका सही तरह से इलाज कराया जा सके। दिल पिघल जाएगा मोम की तरह आपका भी जब पता चलेगा इन बच्चों के माता पिता के साथ क्या हुआ.... बेटी की शादी तय करने जा रहे थे। घटना राजस्थान के बाड़मेर जिले से है। 

माता पिता के शव आए तो पूरा गांव सात बेटियों की रोने की आवाज से दहल गया
दरअसल, बाड़मेर जिले के सिणधरी कस्बे में रविवार रात सड़क हादसा हुआ। इसमें छह लोगों को एक नशेड़ी बोलेरो चालक ने कुचल दिया। इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। इन चार लोगों में पचास साल का खेताराम, उसकी पत्नी कोकू देवी, खेताराम का छोटा भाई बादराराम और उसकी पत्नी अणसी देवी शामिल है। साथ ही खेताराम का छोटा बेटा चार साल का जसराज और परिवार का एक अन्य सदस्य भी इनके साथ ही था। इनमें से खेताराम, पत्नी कोकू देवी, चचेरे भाई की पत्नी अणसी देवी और एक अन्य सदस्य की मौत हो चुकी हैं। चार साल का जसराज गंभीर घायल है। पूरा परिवार खेताराम की सबसे बड़ी बेटी के लिए लड़का देखने जा रहे थे। बस स्टैंड से उतरकर पैदल जाने लगे तो नशे में आए बोलेरो चालक ने सभी को रौंद दिया। इस हादसे के बाद जब सोमवार शाम गांव में माता पिता , चाची के शव आए तो पूरा गांव सात बेटियों की रोने की आवाज से दहल गया। 

चार साल का बेटा मर चुकी मां के पास जाने की कर रहा जिद
बेटियों का रो रोकर बुरा हाल है। चार साल का बेटा मां के पास जाने की जिद कर रहा है। उधर घर में खेमाराम की बुजुर्ग अंधी मां को किसी ने कुछ नहीं बताया लेकिन उसे भी अनिष्ठ का अंदेशा है। पुलिस ने बताया कि खेमाराम की सात बेटियां हैं। इनमें 20 साल की केसी, ओमी, फिर पेमी, रेमंती, भाटू, भावना, ज्योति शामिल है। छह साल से लेकर बीस साल तक की सात बेटियों के अलावा चार साल का सबसे छोटा भाई भी है। गांव वालों को समझ नहीं आ रहा है कि अब परिवार के इकलौते कमाने वाले की मौत के बाद पूरे परिवार का ध्यान कौन रखेगा।

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