भगवान बचाए ऐसे डॉक्टर से...MBBS से पहले कर चुका है MD की पढ़ाई, असलियत जान हो जाएंगे हैरान

Published : Apr 04, 2020, 07:47 PM ISTUpdated : Apr 04, 2020, 07:50 PM IST
भगवान बचाए ऐसे डॉक्टर से...MBBS से पहले कर चुका है MD की पढ़ाई, असलियत जान हो जाएंगे हैरान

सार

राजस्थान में एक ऐसा झोलाछाप डॉक्टर पकड़ाया है, जिसके कारनामे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। जिसने पहले एमडी की डिग्री ली, इसके बाद एमबीबीएस की पढ़ाई की है।

जयपुर (राजस्थान). कोरोना वायरस के संकट से अगर कोई बचा रहा है तो वह हैं हमारे देश के डॉक्टर। जो अपनी जान की परवाह किए बिना भूखी प्यासे रहकर 18 से 20 घंटे ड्यूटी कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन, राजस्थान में एक ऐसा झोलाछाप डॉक्टर पकड़ाया है, जिसके कारनामे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

डिग्री की स्पेलिंग नहीं लिख पाया फर्जी डॉक्टर
दरअसल, पुलिस ने पाली जिले के सादड़ी में एक मां आशापुरा मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल पर छापामारी की थी। जिसमें सामने आया कि झोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र जे पाल फर्जी डिग्री लेकर हॉस्पिटल का संचालन कर रहा था। आरोपी पिछले ढाई साल से हजारों लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा था। पुलिस सिजेरियन तथा डिग्री की स्पेलिंग लिखवाई तो यह बता नहीं पाया था। इस पर गुरुवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

एक लाख में  खरीदी MBBS और MD की डिग्री
जांच में सामने आया कि आरोपी ने 1986 में पुणे के आर्म्ड मेडिकल कॉलेज से एमडी की डिग्री ली थी। इसके बाद दो साल बाद यानी 1988 में मुंबई विद्यापीठ से एमबीबीएस डिग्री पूरी की। जब पुलिस ने आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की तो सारे राज अपने आप ही बता दिए। उसने बताया कि यह दोनों डिग्रियां एक लाख रुपए में खरीदी हैं। इतना ही नहीं उसने बताया कि यह उसने पुणे से मंगवाई थीं। इतना ही नहीं वो कभी अपने आपको दिल्ली तो कभी कश्मीर का रहने वाला बता रहा है।

कोरोना के नाम पर लोगों से वसूले हजारों रुपए
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ने सर्दी-झुकाम से पीड़ित मरीजों को कोरोना का डर बताकर उनसे 40 से 50 हजार रुपए तक वसूल रहा था। इतना ही नहीं वह अनपढ़ लोगों की गुमराह करके बड़ी बीमारी बताता था। जिससे उसकी मोटी कमाई हो सके।

युवक को टाइफाइड बताकर चढ़ा दिया था 13 यूनिट ब्लड
आरोपी से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं। वह साल 2018 से 2019 तक सुमेरपुर के भगवान महावीर अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन के तौर पर नौकरी भी कर चुका है। जहां उसने एक मरीज को टाइफाइड बताकर उसे 13 यूनिट ब्लड चढ़ा दिया था। जब अस्पताल प्रबंधन को उसपर शक हुआ तो उसने जॉब छोड दी। 

दो और अस्पताल खोलने की कर रहा था तैयारी
आरोपी ने जब मां आशापुरा मल्टी स्पेशियलिटी नाम से 20 बेड का अस्पताल खोला था तो उसके शुभारंभ में कई विधायक बड़े-बडे अफसर और क्षेत्र के कई बिजनेसमैन भी पहुंचे थे। पूर्व मंत्री पुष्पेंद्रसिंह ने भी उस समारोह में शिरकत की थी। इतना ही नहीं आरोपी और भी दो से तीन अस्पताल खोलने की तैयारी कर रहा था। लेकिन, एन वक्त पर उसकी सारी सच्चाई सामने आ गई। नहीं तो और कितना जान से खिलवाड़ करता।

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