
गंगानगर. राजस्थान के गंगानगर जिलें में रहने वाले परिवार के उपर अमरनाथ यात्रा के दौरान दुखों का जो पहाड़ टूटा उससे एक साथ कई परिवार तहस नहस हो गए। इस हादसे में दो परिवारों के तीन लोगों की मौत हो चुकी है। तीनों के शवों को एक ही समय पर अंतिम संस्कार किया जाना था, लेकिन एक गफलत के कारण तीन में से दो लोगों का अंतिम संस्कार अटग गया है। इस कारण परिवार के लोग परेशान हैं। गंगानगर में जिन कॉलोनियों में ये परिवार रहते हैं वहां पर मातम पसरा हुआ है।
सुनीता वाधवा के शव की जगह, दूसरी महिला का शव भेज दिया
दरअसज गंगानगर निवासी खत्री और वाधवा परिवार के सात लोग चार जुलाई को अमरनाथ गए थे। वहां पर शुक्रवार को हुई त्रासदी में खत्री परिवार के मुखिया सुशील खत्री की मौत हो गई। साथ ही उनके समधी मोहन लाल और उनकी पत्नी सुनीता वाधवा भी इस त्रासदी की भेंट चढ गए। तीनों के शवों को गंगानगर लाने के लिए परिवार ने सरकार से गुहार लगाई तो केंद्र ने शवों को श्री नगर से दिल्ली हवाई जहाज से भेजे और उसके बाद दिल्ली से उनके जिलों में भिजवाने की प्रक्रिया शुरु की गई। लेकिन देर रात इस प्रक्रिया के दौरान उस समय हंगामा हो गया जब परिजनों को सुनीता वाधवा का शव नहीं मिला। वाधवा के शव की जगह किसी अन्य महिला का शव रखा था। बताया जा रहा है कि शव किसी अन्य महिला का था। जो माहराष्ट्र की रहने वाली थीं । उनका नाम भी सुनीता बताया गया है।
परिजनों को सांत्वना दी सीएम ने, पांच-पांच लाख की घोषणा
उधर पीड़ित वाधवा और खत्री परिवार से सीएम अशोक गहलोत ने फोन पर बातचीत कर परिवार को सांत्वना दी है। उन्होनें तीनों मृतकों के परिजनों को सीएम फंड से पांच पांच लाख रुपए देने की भी घोषण की है और साथ ही परिवार को हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया है। उधर पूर्व सीएम वसुंधरा ने भी परिवार के सदस्यों के हाल चाल जाने हैं।
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