
हनुमानगढ़ (hanumangarh). अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में 21 अक्टूबर को हेलीकॉप्टर क्रैश होने से हनुमानगढ़ के डिब्बे निवासी मेजर विकास भांभू का निधन हो गया था। अब उनकी शहादत के बाद उन्होंने ही राजस्थान भर में स्टाफ ऑफ कॉलेज में पूरे देश में टॉप किया है। दरअसल एग्जाम का पेपर 10 सितंबर को हुआ था। लेकिन 21 अक्टूबर को हेलीकॉप्टर क्रैश में विकास भांभू की दर्दनाक मृत्यु हो गई।
पढ़ाई में था होशियार, अफसर बनना था सपना
मेजर विकास भांभू पढ़ाई में हमेशा से ही होशियार था। जिन्होंने सेना में नौकरी लगने के बाद भी लगातार प्रमोशन के लिए तैयारी की। यह परीक्षा भी उन्होंने इसी मकसद से दी थी। परीक्षा देने के बाद मेजर विकास अपने गांव आए और अपने परिजनों को कहा था कि वह सेना में बड़े अधिकारी लगेंगे। यह एग्जाम भी उन्होंने इसी सिलसिले में दिया है। जिसका रिजल्ट जल्द ही आ जाएगा। लेकिन मेजर विकास के परिवार को यह बात पता नहीं थी कि रिजल्ट वाले दिन उनका बेटा ही उनके पास नहीं रहेगा। एक तरफ जहां इस रिजल्ट से पूरे परिवार में खुशी है। वहीं परिवार को अपने लाडले को खोने का दुख भी है। परिवार के लोगों का कहना है कि बेटे ने शहीद होने के बाद भी उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।
आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में हुए इस हेलीकॉप्टर क्रैश में राजस्थान के 3 जवान शहीद हुए थे उन विराम जिनमें मेजर विकास ,रोहिताश और उदयपुर के एक मुस्लिम सैनिक थे। हनुमानगढ़ में जब मेजर विकास की अंतिम यात्रा निकाली गई तो उस समय हजारों लोग उस यात्रा के साक्षी बने। गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। गांव में उनके नाम से स्कूल का नाम किया गया है। वहीं शहीद की पत्नी भी अब सेना में नौकरी करने की चाहत रखती है। पत्नी का कहना है कि पति शहीद हो गए हैं लेकिन मैं भी अब सेना में जाकर ही अपने पति का सपना पूरा करूंगी।
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