ट्रेप हुए एक तहसीलदार को बोला तेरी मदद कर दूंगा, पांच लाख लगेंगे, एसीबी अफसरों ने जाल बिछाया, लेकिन जाल में फंसने से ठीक पहले भाग गया डिपार्टमेंट का ही आदमी था, केस दर्ज।
जयपुर. जिस पुलिसकर्मी पर भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी थी, वही पांच लाख रुपए लेने का जुगाड़ कर रहा था। इस जुगाड़ के बारे में अफसरों को पता चला तो उस पर नजर रखना शुरु कर दिया गया। उसके फोन को सर्विलांस पर रखना शुरु किया गया। फोन टेप कर जब अफसरों ने सुनना शुरु किया तो अफसर भी दंग रह गए। वह एक तहसीलदार से दलाल की मदद से रुपए की मांग कर रहा था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद उसे गिरफ्तार करने की तैयारी की गई तो उसे पता लग गया और वह भाग गया। उसके खिलाफ अब केस दर्ज कर लिया गया है। दलाल को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
ये थी कांस्टेबल की साजिश
एसीबी अफसरों ने बताया कि जयपुर की एसीबी यूनिट में तैनात रमेश कुमार शर्मा हैड कांस्टेबल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वह पहले जयपुर में तैनात था। पिछले दिनों उदयपुर रेंज के एक तहसीलदार को बड़ी रकम लेते ट्रेप किया गया थां उसका केस बहुत मजबूत बनाया गया था। इस केस को कमजोर करने और अनैतिक तरीके से तहसीलदार की मदद करने के नाम पर आरोपी ने दलाल के जरिए तहसीलदार से रुपए मांग कर रहा था। रकम भी छोटी मोटी नहीं सीधे पांच लाख रुपए की थी। इसकी सूचना एसीबी अफसरों तक पहुंची तो अफसरों ने भी चाल चली उसे पूरी तरह से फंसाने और रंगे हाथों धरने की।
ये प्लानिंग की थी एसीबी ने
रमेश शर्मा के बारे में अफसरों को सूचना मिली तो उसे रंगे हाथों पकड़ने के लिए अफसरों ने चाल चली। उसका ट्रांसफर उदयपुर ही कर दिया। उदयपर पहुंचने के बाद तो रमेश शर्मा की बांछें खिल गई। उसने तहसीलदार से सीधे ही फोन पर बात करना शुरु कर दिया। कई दिनों की रिकॉर्डिंग जमा कर मंगलवार को उसे ट्रेप करने की पूरी तैयारी कर ली गई। लेकिन उसके ही किसी साथी ने उसे इस बारे में बता दिया और ट्रेप से पहले रमेश शर्मा भाग गया। उसका फोन बंद हैं वह परिवार के संपर्क में नहीं है। उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
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