सार
राजस्थान के मेडिकल कॉउंसिल के नर्सिंग डिपार्टमेंट में क्लर्क स्टाफ के बाबू को रिश्वत लेते पकड़ा गया है। साथ ही रिश्वत देने वाले की भी गिरफ्तारी हुई है।
जयपुर.एंटी करप्शन ब्यूरो(ACB) ने राजस्थान नर्सिंग काउंसिल जयपुर के कनिष्ठ सहायक और एक प्राइवेट व्यक्ति को 1 लाख 90 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह रिश्वत नर्सिंग कॉलेज की मान्यता, सीट आवंटन तथा निरीक्षण में ढिलाई के नाम पर ली जा रही थी। एसीबी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उनके आवास और अन्य ठिकानों की तलाशी ले रही हैं।
इस तरह पकड़ाए आरोपी
एसीबी के पुलिस महानिदेशक बी.एल सोनी ने बताया कि एसीबी मुख्यालय को एक सोर्स से सूचना मिली थी कि राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के अधिकारी या कर्मचारी नर्सिंग कॉलेज की मान्यता, सीट अलाटमेंट तथा सुपरविजन में ढिलाई के नाम पर मोटी रकम रिश्वत के रूप में लेकर लेनदेन कर भष्ट्राचार कर रहे हैं। इस पर तकनीकी शाखा से उप अधीक्षक पुलिस राजेश दुरेजा और उनकी द्वारा तैयार की गई टीम द्वारा ऐसे लोगों पर नजर रखी गई। मंगलवार सुबह सूचना मिली की दोनो आरोपी पैसों का लेनदेन करने वाले है। इसके बाद विशेष अनुसंधान इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में उप अधीक्षक पुलिस कमलनयन एवं उनकी टीम द्वारा ट्रेप की कार्रवाई करते हुए राजस्थान नर्सिंग काउंसिल जयपुर के कनिष्ठ सहायक नन्द किशोर शर्मा पुत्र बंशीधर शर्मा निवासी गोविन्दपुरा मुरलीमनोहर जी का मंदिर कालवाड़ और भैरू करेड़ा भीलवाड़ा निवासी बंशीलाल गुर्जर पुत्र तेजाराम (प्राइवेट व्यक्ति) को गिरफ्तार किया। ये एक लाख नब्बे हजार रुपए की रिश्वत राशि का लेन-देन कर रहे थे।
एसीबी के एडीजी दिनेश एम.एन ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ जारी है। एसीबी अब उनके आवास और अन्य ठिकानों की तलाशी ले रही हैं।
क्यो हुए दोनो अरेस्ट
हम सभी को पता है कि रिश्वत लेना तो कानूनी अपराध है ही, रिश्वत देना भी उतना ही गंभीर अपराध है। लेकिन यदि रिश्वत जबरदस्ती ली गई हो तो जो भी संस्था जांच कर रही है उसे सबूत के साथ यह बताया जाए कि वह अपनी मर्जी से रिश्वत नहीं दे रहा है तो रिश्वत देने वाले को छोड़ दिया जाता है लेकिन इस मामले में रिश्वत देने वाला अपनी मर्जी से रिश्वत दे रहा था इसलिए उसकी भी गिरफ्तारी की गई है।