जयपुर. (jaipur).राजस्थान में 2 दिन पहले उदयपुर के ओढ़ा गांव के उदयपुर - अहमदाबाद को डोटनेटर से ब्लास्ट करने की कोशिश का मामला अभी तक पूरी तरह से समझ नहीं पाया है। इससे पहले ही उदयपुर में प्लास्टिक के कट्टो ने पुलिस और रेलवे ट्रैक के मामले में जांच कर रहे अधिकारियों की नींद उड़ा दी है।
जयपुर (jaipur).राजस्थान में 2 दिन पहले उदयपुर के ओढ़ा गांव के उदयपुर - अहमदाबाद को डोटनेटर से ब्लास्ट करने की कोशिश का मामला अभी तक पूरी तरह से समझ नहीं पाया है। इससे पहले ही उदयपुर में प्लास्टिक के कट्टो ने पुलिस और रेलवे ट्रैक के मामले में जांच कर रहे अधिकारियों की नींद उड़ा दी है।
प्लास्टिक के कट्टों में मिला विस्फोटक बनाने वाला सामान
दरअसल उदयपुर और डूंगरपुर बॉर्डर जो रेलवे ट्रैक से करीब 90 किलोमीटर दूर है। वहां स्थानीय ग्रामीणों को प्लास्टिक के कट्टों में करीब 2 क्विंटल जिलेटिन की छड़ मिली है। ग्रामीणों ने नदी के पास इन कट्टो को देखा। जिसकी सूचना उन्होंने तुरंत पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस सूरज मौके पर पहुंची और इन कट्टों को जब्त किया है। जिलेटिन की सूचना मिलते ही रेलवे ट्रैक के मामले में जांच कर रही एनआईए, एनएसजी के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जो मामले की जांच कर रहे हैं। इन कटों के पास एक रेपर भी मिला है। जो इस जिलेटिन का ही है। उस पर राजस्थान का ही कोई एड्रेस लिखा हुआ है।
सुरक्षा ऐजेंसियों ने दी ये जानकारी
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों की माने तो यह कोई आतंकी साजिश जैसा कोई मॉड्यूल है। लेकिन ज्यादातर जिलेटिन खनन के ब्लास्टिंग में काम में ली जाती है। फिलहाल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पूरे मामले की गंभीरता से जांच में जुटी है। खुलासे के बाद ही पूरा मामले का पता चल पाएगा। पुलिस इस मामले में ज्यादा लोकल एंगल से जांच कर रही है। क्योंकि उदयपुर और डूंगरपुर दोनों ही पहाड़ी इलाके हैं। ऐसे में यहां खनन भी ज्यादा होता है तो पुलिस का मानना है कि खनन के काम में लेने के लिए ही इन जिलेटिन की छड़ों को उपयोग में लाया गया है।
5 महीने बाद फिर चर्चा में आया उदयपुर
5 महीने बाद वापस एक बार फिर उदयपुर पूरे देश में चर्चा में आया है। इससे पहले जून में यहां तालिबानी तरीके से टेलर कन्हैया लाल की हत्या कर दी थी। इस घटना की चर्चा भी पूरे देश में रही थी।
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