जयपुर एयरपोर्ट पर आवासीय कॉलोनी बनाने के नाम पर अडाणी समूह ने कर दिया ये कांड, tree man of india ने दी चेतावनी

जयपुर के एयरपोर्ट के नजदीक रेसिडेंसियल कॉलोनी बनाने के नाम पर 40 से 50 साल पुराने विशालकाय पेड़ों के साथ 700 से ज्यादा हरे भरे पेड़ काट दिए गए। पर्यावरण प्रेमियों ने इस तरह ट्री को नुकसान पहुंचाने का जबरदस्त विरोध हुआ। दे दी आंदोलन की चेतावनी। 

Sanjay Chaturvedi | Published : Nov 12, 2022 9:25 AM IST / Updated: Nov 12 2022, 03:00 PM IST

जयपुर (jaipur). जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास आवासीय कॉलोनी बनाने के नाम पर हरे भरे पेड़ों की बलि दी जा रही है। हरे भरे पेड़ों के काटने की सूचना जैसे ही स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों को मिली तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे और पेड़ काटने वालों का विरोध किया। इस पर पेड़ काट रहे लोग वहां से भाग निकले। हरे भरे पेड़ काटने का विरोध कर रहे ट्री मेन ऑफ इंडिया विष्णु लाम्बा का कहना है कि यह सब कार्य अडाणी समूह द्वारा किया जा रहा है। 

ट्री मैन ऑफ इंडिया ने कहा- काम नहीं रुका तो होगा आंदोलन
ट्री मैन ऑफ इंडिया विष्णु लांबा ने कहा कि अडाणी समूह द्वारा अभी तक जयपुर एयरपोर्ट के टर्मिनल नम्बर वन के पास आवासीय कॉलोनी बसाने के नाम पर लगभग 700 से ज्यादा पेड़ों को काटा जा चुका है। जो कि हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि इस कार्य को रूकवाया नहीं गया तो आगे एक जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा। लाम्बा ने चेतावनी दी है कि हम सभी पेड़ से चिपक कर आंदोलन करने को तैयार है। पेड़ को काटने से पहले हमारे उपर कुल्हाड़ी चलानी पड़ेगी। इन पेड़ों को काटने से यहां के पक्षियों का आसीयाना भी उजड़ गया है यहां पर लगभग 200 से ज्यादा मोर व अन्य पक्षी निवास करते हैं। पेड़ काटने के बाद यह दरदर भटक रहे हैं।

आवासीय परिसर बनाने के नाम पर की गई कटाई, ऐसे भरे मुआवजा
लाम्बा ने बताया कि जयपुर एयरपोर्ट के टर्मिनल एक के पास आस पास क्षेत्र में करीब 700 से ज्यादा पेड़ों को डेवलपमेंट के नाम पर काटा जा रहा है। इस मामले में इन 700 पेड़ों के मुआवजे के तौर पर 4 हजार 4 सौ पेड़ दूसरे स्थान पर लगाए जाए। इस पूरे मामले को ट्री मेन ऑफ इंडिया विष्णु लाम्बा ने जयपुर एयरपोर्ट के ​अधिकारी से अपने साथियों के साथ मुलाकात की और कार्य रूकवाने का आग्रह किया। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के टर्मिनल नम्बर एक के पास बसी एयरपोर्ट कर्मचारियों को रिहायशी कॉलोनी में करीब 40 से 50 साल पुराने इन विशालकाय पीपल, नीम, अशोक, गूलर, बबूल समेत कई प्रजातियों के पेड़ शामिल हैं।

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