राजस्थान में सोमवार 19 सितंबर के दिन विधानसभा सत्र की शुरूआत हो गई है। लेकिन भाजपा व कांग्रेस के विधायकों में उससे पहले ही बयानबाजी शुरू हो गई है। बीजेपी लीडर ने सत्रावसान का मुद्दा उठाया तो वहीं कांग्रेस ने भी कहा सीएम बनने के लिए लड़ रही है।
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा सत्र आज शुरू हो गया है। जिसमें कांग्रेस व भाजपा दोनों एक दूसरे पर हमलावर नजर आ रही है। जिसकी शुरुआत विधानसभा में प्रवेश से पहले ही दोनों पक्षों के विधायकों की बयानबाजी से हो गई। शुरुआत प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ से हुई। जिन्होंने बयान दिया कि विधानसभा में विधायकों के अधिकारों का हनन हो रहा है। विधानसभा में पिछला बजट सत्र अवसान किए बिना ही फिर बैठक बुलाई गई है। इससे विधायकों के सवाल पूछने का दायरा सीमित हुआ है। इसी तरह भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने विधानसभा के सत्रावसान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब 6 महीने तक विधानसभा का सत्रावसान नहीं हुआ। इससे सरकार की नीयत उजागर हो गई है। सरकार सदन से भागना चाहती है।
रामलाल व पूनियां ने रखा लंपी का मुद्दा
इधर, विधानसभा सत्र से पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां व विधायक रामलाल ने लंबी बीमारी का मुद्दा उठाया। पूनिया ने कहा कि लंपी से प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा संक्रमित गायों में से 10 लाख से ज्यादा गायों की मौत हो गई लेकिन गहलोत सरकार लंपी पर प्रभावी नियंत्रण नहीं कर पाई। जबकि प्रदेश में अस्थाई तौर पर पशुधन सहायकों की नियुक्ति की जानी चाहिए थी। विधायक रामलाल शर्मा ने सरकार के लंपी संक्रमण के आंकड़ों को निशाने पर लिया। कहा कि सरकार कह रही है लंपी से 60 हजार गायों की मौत हुई है, जबकि भाजपा 8 लाख गायों की मौत दावा करती है।
मुख्यमंत्री के लिए लड़ रहे भाजपाई: चौधरी
इधर, भाजपा के हमलों के बीच सरकारी उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी का बयान महेंद्र चौधरी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी खुद घिरी हुई है। उसके आठ-दस नेता मुख्यमंत्री की दावेदारी की लड़ाई लड़ रहे हैं। कहा कि बीजेपी विधायकों को तो विधानसभा में ही 500 रुपए के जुर्माने की बात कहकर जबरन बुलाया जाता है। चौधरी ने कहा कि बजट में जो बड़ी घोषणाएं हुई हैं, उससे भाजपा बौखला गई है। जिसके चलते प्रोपेगेंडा कर रही है।
बता दें कि विधानसभा का सत्र 28 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब सातवें सत्र की पुनः बैठक शुरू कराई जा रही हैं। जबकि पिछले सत्र का सत्रावसान नहीं किया गया था।
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