निर्मल की जीत के असली हकदार निर्मल नहीं यह दोनों नेता, एनएसयूआई से टिकट मांग रहे थे नहीं मिला साथ,

राजस्थान के जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय की सबसे चर्चित सीट पर निर्दलीय निर्मल चौधरी ने मंत्री मुरालीलाल मीणा की बेटी निहारिका और एनएसयूआई की रितु बराला को हराकर जीत हासिल की। उनकी इस जीत के पीछे सपोर्ट करने वाले एमएलए मुकेश भाकर व रामनिवास गावड़िया रहे।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 27, 2022 2:07 PM IST

जयपुर.अक्सर कांग्रेस, बीजेपी समेत अन्य बड़ी पार्टियों में फूट देखने को मिलती है और इस फूट का अधिकतर नुकसान पार्टी को उठाना पड़ता है। इसी फूट की तरह अब छात्र संगठन में भी फूट दिखने को मिली  है। कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाला छात्र संगठन एनएसयूआई हो या फिर भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखने वाला छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हो फूट के कारण दोनों संगठनों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसका सीधा उदाहरण राजस्थान विश्वविद्यालय का नया अध्यक्ष निर्मल चौधरी है।

निर्मल की जीत के पीछे इनका हाथ
निर्मल चौधरी की जीत निर्मल चौधरी की नहीं है, निर्मल चौधरी के पीछे दो दिग्गज नेता रामनिवास गावड़िया और मुकेश भाकर है। दोनों एमएलए हैं और दोनों ही कुछ साल पहले राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र थे और वहीं से अध्यक्ष पद पर जीतने के बाद उन्होंने राजनीति की सीडी पर पहला कदम रखा था। उसके बाद उन्हें टिकट मिला और वे एमएलए बने। निर्मल चौधरी भी लगातार एनएसयूआई से टिकट मांग रहे थे। वह करीब 5 साल से एनएसयूआई के सक्रिय कार्यकर्ता थे, और एनएसयूआई के तमाम बड़े नेताओं से ताल्लुक रखते थे। चुनाव लड़ने में भी धन और बल की कमी सामने आई तो इसे पर्दे के पीछे से सपोर्ट कर रहे मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया ने पूरा किया। 

Latest Videos

बागी होकर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की
निर्मल चौधरी ने बागी होने से पहले कहा था कि एनएसयूआई का शायद ही कोई धरना प्रदर्शन हो जो उन्होंने छोड़ा हो। वे लगातार संगठन की सेवा करते रहे लेकिन संगठन ने उन्हें नहीं चुना। हालांकि उन्होंने एनएसयूआई की दूसरी बागी निहारिका जोरवाल की तरह अपशब्दों का ज्यादा प्रयोग नहीं किया। उसके बाद निर्मल ने बागी होकर चुनाव लड़ा। सवेरे से जब कॉमर्स कॉलेज में मतगणना जारी थी तो 10:00 बजे से लेकर करीब 12:00 बजे तक तो रितु बराला और निहारिका मीणा ही अध्यक्ष पद पर सबसे आगे चल रही थी। लेकिन दोपहर के बाद जब अन्य बैलट पेपर खुलने लगे तो निर्मल चौधरी इतना आगे निकल गए कि उन्हें फिर से नहीं पकड़ा जा सका ।

बता दे कि निर्मल चौधरी और निहारिका मीणा दोनों ही एनएसयूआई के बागी है और दोनों ने ही मिलकर करीब साढे 6000 से भी ज्यादा वोट अपने नाम किए हैं। जबकि एनएसयूआई ने जिस रितु बराला को टिकट दिया वह इन दोनों से काफी पीछे रह गई है। वहीं निहारिका मीणा को संगठन ने 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

यह भी पढ़े- झारखंड में सियासी हलचल के बीच मधुबन में बीजेपी का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर शुरू, 3 दिन चलेगा कार्यक्रम

Share this article
click me!

Latest Videos

Iran Attack on Israel: इजराइल की ताकत हैं ये 15 खास चीजें, दुश्मन पर पड़ती हैं भारी
LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम 2024 में भाग लिया
PM Modi LIVE: हरियाणा के पलवल में एक सार्वजनिक बैठक
Pune Helicopter Crash: पुणे में उड़ान भरते ही क्रैश हो गया हेलीकॉप्टर, जानें क्या है हादसे की वजह
Iron Dome, David's Sling, Arrow: जानें कैसे इजराइल ने रोकी ईरान की ओर से दागी गईं 200 मिसाइलें