राजस्थान में खाली प्लॉट के फर्जी पट्टे बनाकर बेचने वाला सबसे बड़ा गिरोह पकड़ाया है। 200 से भी ज्यादा गृह निर्माण सोसायटीज के नकली दस्तावेज और खाली आवंटन पत्र मिले। तीन बोरे भरकर सील और मुहरे मिलीं, कई बडंल स्टांप भी बरामद किए गए हैं।
जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर की बाहर कॉलोनियों में अगर आपने भी इन्वेस्टमेंट के लिए कुछ समय पहले प्लॉट खरीदा है, और उसे काफी समय से संभालने नहीं गए हैं तो जाकर पहली ही फुर्सत में संभाल आईए...। पता चला आपका प्लॉट भी अन्य कई प्लॉट मालिकों की तरह फर्जी पट्टे बनाकर बेच न दिया गया हो और आपको पता तक नहीं चल सका है। जयपुर शहर की पुलिस ने राजस्थान का सबसे बड़ा गिरोह पकड़ा है जो फर्जी पट्टे बनाकर खाली प्लॉट बेचता है। फिलहाल तीन आरोपी पकडे़ गए हैं, लेकिन इनकी संख्या और बढ़ना तय हैं। मानसरोवर थाना पुलिस ने चित्रकूट थाना क्षेत्र में जाकर यह रेड की है और अब चित्रकूट थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिए हैं। जयपुर पुलिस का कहना है कि करोड़ों रुपयों का लेनदेन भी हुआ है, उसके बारे में जांच पडताल अगले चरण में की जाएगी।
एनआरआई का प्लॉट बेचने की फिराक में थे, पर पहले ही पकड़ा गए
मानसरोवर थाना क्षेत्र में प्राइम लोकेशन में करीब चार करोड़ रुपए के चार सौ गज प्लॉट के मालिक एनआरआइ अमेरिका निवासी मुकुट बिहारी जोशी ने कुछ दिनों पहले मानसरोवर थाने में केस दर्ज कराया था। उनका कहना था कि वे कई महीनों के बाद जब जयपुर अपने प्लॉट को देखने आए तो पता चला कि यह किसी ने किसी को बेचने के प्रोसेस में लगा दिया। उसके फर्जी पट्टे बना लिए गए थे। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि जितेन्द्र कश्यप नाम के एक व्यक्ति शामिल है उसको चित्रकूट क्षेत्र से एक मकान से पकड़ा गया। उसके साथी पंकज और भानू प्रताप को भी पकड़ा गया। चित्रकूट में एक मकान में छापा मारा गया तो वहां का नजारा देख पुलिस की आखें फटी रह गई।
कई सोसाइटी के नकली डॉक्यूमेंट बरामद
पुलिस ने आरोपियों से करीब 200 से ज्यादा विभिन्न ग्रह निर्माण सहकारी समितियां, जेडीए, नगर निगम हाउसिंग बोर्ड के खाली और भरे हुए फर्जी पट्टे, 400 से विभिन्न सरकारी विभागों की रबड़, सील मोहरे, सैकड़ों की तादाद में रसीदें, नगर निगम जेडीए की रसीद बुक, रजिस्ट्रियां और सैकड़ों कि तादात में कूट रचित फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। जेडीए अधिकारियों, आबकारी अधिकारियों, तहसीलदार, पंजीयन कार्यालय और पुलिस विभाग के अधिकारियों की रबड़ सील मोहरे भी आरोपियों से बरामद हुई है। हैरानी तो यह है कि अब तक ग्रह निर्माण सहकारी समितियों के सोसाइटी या उससे जुड़े पट्टों से जुड़े मामले सामने आते थे लेकिन यह गिरोह निर्माण सहकारी सोसाइटी के अलावा, नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड के खाली भूखंड के भी फट्टे बनाकर बाजार में बेचकर लोगों को अपना शिकार बना रहे थे।
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