राजस्थान में सरकार दरकिनार, सबसे बड़े छात्र संगठन NSUI की मिट्टी पलीत, नहीं बना एक भी प्रत्याशी अध्यक्ष

राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस की सरकार है। फिर भी उसके सबसे बड़े छात्र संगठन एनएसयूआई का एक भी प्रत्याशी अध्यक्ष नहीं बन पाया है। प्रदेश में 15 में से 14 यूनिवर्सिटी के परिणाम जारी। निर्दलीय ने दिए हैरान करने रिजल्ट, 7 विश्वविद्यालयों में बने अध्यक्ष।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 27, 2022 2:59 PM IST

जयपुर. कांग्रेस सरकार का संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया यानी एनएसयूआई  है।  इस साल एनएसयूआई की इतनी मिट्टी पलीत हुई है कि इससे पहले कभी नहीं हुई।  एनएसयूआई से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले छात्र नेता जीत गए, जबकि एनएसयूआई ने जिन्हें टिकट दिया वह रेस में कहीं टिके ही नहीं।  राजस्थान में 14 विश्वविद्यालय हैं।  इन 14 विश्वविद्यालयों में से 5 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बाजी मारी है  जबकि दो विश्वविद्यालय में एसएफआई छात्र संगठन के अध्यक्ष चुने गए हैं।  बाकी बचे हुए 7 विश्वविद्यालयों में निर्दलीय प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर जीते हैं । यह पहला मौका है जब किसी भी छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई की इतनी बुरी स्थिति रही है।  अब एनएसयूआई के इस घटिया प्रदर्शन के बाद संगठन में बड़े स्तर पर फेरबदल करने की तैयारियां शुरू हो गई है । हालांकि एनएसयूआई ने बागी होकर चुनाव लड़ने वाले या चुनाव लड़ने में सहयोग करने वाले 6 छात्र नेताओं की छुट्टी भी कर दी है । 

आइए आपको बताते हैं किस विश्वविद्यालय में किस पार्टी के नेता को अध्यक्ष चुना गया है......
बात सबसे पहले राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर से शुरू करते हैं  राजस्थान यूनिवर्सिटी में रितु बराला जो एनएसयूआई की अध्यक्ष पद प्रत्याशी थी वे तीसरे नंबर पर रही है । जबकि एनएसयूआई से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले निर्मल चौधरी अध्यक्ष पद पर जीत गए हैं । दूसरे नंबर पर निहारिका मीणा रही है। 

राजस्थान की दूसरे सबसे बड़े विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में भी एनएसयूआई के प्रत्याशी को कुर्सी गंवानी पड़ी है। यहां पर एसएफआई संगठन से छात्र नेता को अध्यक्ष चुना गया है। 

 प्रदेश में तीसरे नंबर पर आने वाली उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुलदीप सिंह अध्यक्ष चुने गए हैं। 

 अजमेर की महर्षी दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी से महिपाल गोदारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अध्यक्ष चुने गए हैं ।

वही अलवर की मत्स्य यूनिवर्सिटी से निर्दलीय सुभाष चंद्र गुर्जर अध्यक्ष बने हैं।

 भरतपुर की महाराजा सूरजमल बृज यूनिवर्सिटी से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हितेश फौजदार चुने गए हैं।

 बांसवाड़ा की गोविंद गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी से सुनील सुरावत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष बने हैं ।

सीकर की शेखावटी विश्वविद्यालय से एसएफआई के विजेंद्र कुमार ढाका अध्यक्ष पद पर विजयी रहे हैं ।

कोटा से कोटा यूनिवर्सिटी के अजय पारेता जो कि निर्दलीय प्रत्याशी हैं वह अध्यक्ष बने हैं।

 एमबीएम यूनिवर्सिटी जोधपुर से निर्दलीय चंद्रांशु सीरिया अध्यक्ष बने हैं।

 उधर बीकानेर की महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी से एबीवीपी के लोकेंद्र सिंह अध्यक्ष चुने गए हैं ।

बीकानेर वेटरनरी यूनिवर्सिटी से जयंत विश्नोई को अध्यक्ष पद पर चुना गया है।

 जयपुर की हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी से आनंद अध्यक्ष बने हैं।

 जयपुर की राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी से पंकज कुमार कुमावत निर्दलीय अध्यक्ष चुने गए हैं।

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