राजस्थान के बड़े सरकारी कॉलेज से यह बड़ी खबर निकल सामने आ रही है, जहां कुछ दिन पहले हुए छात्रसंघ चुनाव में संयुक्त सचिव पद का मत जीतने प्रत्याशी का एग्जाम का रिजल्ट आया तो हो गए फैल जिसके कारण अब उनको यह पद भी छोड़ना पड़ेगा। रोहित चौधरी ने 940 वोटों से जीते थे यह सीट।
जयपुर. राजस्थान में 26 अगस्त को हुए छात्र संघ चुनाव के बाद अब पढ़ाई और परीक्षा का माहौल बनने लगा है। लेकिन चुनाव के बाद अब एक रोचक खबर सामने आई है। एक नेता जी जिन्होंने चुनाव लड़ने में अच्छा खासा पैसा खर्च किया और बड़ी बात यह रही कि पैसा खर्च करने के बाद वे जीत भी है लेकिन अब जीत की खुशी उन्हें रास नहीं आई कुर्सी पर बैठने से पहले ही वे आउट हो गए। दरअसल वह परीक्षा में फेल हो गए और उनके फेल होने के बाद अब छात्र संघ की उनकी यह कुर्सी खाली रह सकती है। यह पूरा घटनाक्रम राजस्थान कॉलेज का है । राजस्थान कॉलेज में संयुक्त सचिव के पद पर चुनाव लड़ने वाले और जीतने वाले छात्र नेता रोहित चौधरी परीक्षा में फेल हुए हैं ।
b.a. सेकंड ईयर का छात्र था रोहित चौधरी
राजस्थान कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष पास करने के बाद b.a. द्वितीय वर्ष में प्रवेश लेने वाले रोहित चौधरी ने संयुक्त महासचिव के पद पर चुनाव लड़ा था। रोहित और उसके साथियों के प्रयासों के द्वारा रोहित को 940 मत मिले थे। तीसरे नंबर पर विवेक शुक्ला रहे जो 320 मत प्राप्त कर सके थे और चौथे नंबर पर संगत चौधरी थे। इस चुनाव में छात्रों ने छात्र नेताओं की जगह नोटा का जमकर प्रयोग किया था।
चुनाव में नोटा में पड़े सबसे ज्यादा वोट
रोहित के बाद नोटा था जो जीता था। नोटा को रोहित के बाद 368 वोट मिले थे। जानकारों का कहना है कि अगर रोहित के बाद कोई छात्र नेता रहता तो उसे संयुक्त सचिव के पद पर भेजा जा सकता था, लेकिन रोहित के बाद नोटा जीता है और नोटा को संयुक्त सचिव का पद नहीं दिया जा सकता। इसलिए आगामी सूचनाओं तक यह कुर्सी खाली रहने वाली है। उल्लेखनीय है कि 26 अगस्त को पूरे राजस्थान में हुए चुनाव में छात्र नेताओं ने 2 साल के बाद अपनी जीत दर्ज की थी। अगले दिन ही परिणाम जारी कर दिए गए थे।
मंत्री की बेटी को हरा निर्मल चौधरी ने जीता था अध्यक्ष पद
राजस्थान विश्वविद्यालय में निर्मल चौधरी अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे। निर्मल के जीतने के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से कई वीडियो भी वायरल हुए थे जिसमें निर्मल चौधरी ने शिक्षकों को धमकाने के साथ ही पुलिसकर्मियों तक को धमकाया था।
कोरोनावायरस के बाद छात्र संघ चुनाव 2 साल के बाद आयोजित किए गए थे इन चुनावों में राजस्थान के 14 विश्वविद्यालयों में से एक भी विश्वविद्यालय में एनएसयूआई के अध्यक्ष नहीं चुने गए। इस कारण एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक कुमार पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। कांग्रेस के ही नेता उनके खिलाफ बागी हो चुके हैं।