
जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर जिले से एक दर्दनाक मामला सामने आया है। देर रात नाकाबंदी में ड्यूटी कर रहे एक कॉन्स्टेबल को एक तेज रफ्तार गाड़ी ने उड़ा दिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कॉन्स्टेबल हवा में उछला और वहां मौजूद बैरिकेड के जा टकराया। वहां मौजूद दूसरे पुलिसकर्मियों ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया। आज सुबह कॉन्स्टेबल ने हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली।
वह एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया हवा में आ गई मौत
मामला राजस्थान के जोधपुर जिले का है। बीती रात यहां झालामंड चौराहे पर कॉन्स्टेबल रमेश कुमार विश्नोई नाइट ड्यूटी पर था। साथी सीनियर्स के साथ वह नाकाबंदी में ड्यूटी कर रहा था । नाकाबंदी के चलते बैरिकेडिंग भी की गई थी। इसी बीच रात करीब 12:00 बजे के आसपास एक तेज रफ्तार कार करीब 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आई। इसी वक्त सिपाही रमेश कुमार चौराहे पर खड़ा था। कार को आते देख रमेश ने डिवाइडर पर पहुंचने की कोशिश की। लेकिन कार की स्पीड से तेज थी कि वह एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया। कार की टक्कर लगते ही रमेश पहले तो बैरिकेड से टकराया। फिर हवा में उतर कर सड़क के दूसरी तरफ जा गिरा। हालांकि अगली नाका बंदी पर ही मौजूद पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को पकड़ लिया। रमेश को देर रात एम्स में भर्ती करवाया गया जहां आज सुबह उसने आखिरी सांस ली। रमेश के सिर में गहरी चोट आई थी जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
रफ्तार के कहर में आए दिन हो रहीं मौंते
राजस्थान में तेज रफ्तार के चलते पुलिसकर्मी की मौत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी राजधानी जयपुर में एक तेज रफ्तार गाड़ी ने दो पुलिसकर्मियों को इसी तरह टक्कर मार दी थी। जिस में भी एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। हालांकि दोनों मामलों में ही पुलिस ने गाड़ी को पकड़ लिया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब एक आम आदमी की तेज रफ्तार गाड़ियों के चलते मौत होती है तो पुलिस सालों बीत जाने के बाद भी आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती।
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