राजस्थान के जोधपुर में CRPFमें सुसाइड मामले में किसी नेता ने अभी तक कोई ट्वीट तक नही किया, नरेश जाट का शव उठाने को लेकर गतिरोध बरकरार। बुधवार के दिन भी परिवार अपनी मांगों को लेकर धऱने पर बैठा।
जोधपुर. सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में सोमवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले नरेश जाट के शव के पोस्टमार्टम हुए 40 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन शव उठाने को लेकर अभी सीआरपीएफ और परिजनो के बीच सहमति नहीं बनी है। इस बीच नागौर सांसद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टिंके सयोंजक हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश के केंद्रीय मंत्रियों पर बड़ा आरोप लगाया है बेनीवाल ने कहा की छोटी छोटी बातों पर ट्वीट करने वाले मंत्री नरेश के मामले में खामोश है। क्योंकि सीआरपीएफ दिल्ली केंद्र सरकार के अधीन है। जोधपुर बाड़मेर से कई मंत्री है उन्होंने भी परिजनो को सुध नहीं ली। भाजपा सिर्फ किसानों के वोट लेना जानती है। किसानों के बेटों के लिए इनके पास फुर्सत नही है।
बेनीवाल मृतक जवान के परिजनों से मिले
नागौर सांसद बेनीवाल बुधवार को दुबारा एमजीएच मोर्चरी पहुंचे नरेश जाट के परिजनों से मिले और कहा की अब सभी मांगों को जिमीदारों को मानना पड़ेगा। यह आंदोलन बड़ा होगा। जरूरत पड़ी तो जगह बदलेंगे। बेनीवाल ने कांग्रेस पर भी आरोप लगाया की इनके नेताओं ने भी सुध नहीं ली। गौरतलब है मंगलवार रात को सीआरपीएफ के अधिकारी नागौर सासद हनुमान बेनीवाल से सर्किट में मिले तो कई मांगों पर सहमति दी थी इसके बाद बुधवार सुबह वापस वार्ता तय हुई लेकिन कोई अधिकारी सांसद से बात करने नहीं आए। जिसके बाद बेनीवाल ने मोर्चरी पहुंच कर बड़ा आंदोलन करने की बात कही।
परिजनो ने यह मांगे रखी है
नरेश जाट के सुसाइड के बाद धरने पर बैठे परिजनों ने कुछ मांगे रखी है। जिनमे सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों के नाम है उन्हे हटाया जाए, उनके विरुद्ध जांच हो। जिनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है,उनकी गिरफ्तारी की जाए। परिवार को आर्थिक सहायता और नरेश की पत्नी को तुरंत नियुक्ति दी जाए। उल्लेखनीय है कि रविवार शाम को नरेश जाट रायफल लेकर सीआरपीएफ ट्रेनिग सेंटर में अपने क्वार्टर गया और उसने परिवार सहित खुद बंदी बना लिया था। फायर किए। किसी को आने नही दिया। सोमवार सुबह खुद को गोली मार ली थी।
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