मां का दर्द सुन रोक नहीं पाएंगे आंसू, दादी -बोलीं अब किसी की कोख न उजड़े, मेरे जुड़वां पोते चल बसे

Published : Jan 06, 2020, 07:17 PM ISTUpdated : Jan 06, 2020, 07:24 PM IST
मां का दर्द सुन रोक नहीं पाएंगे आंसू, दादी -बोलीं अब किसी की कोख न उजड़े, मेरे जुड़वां पोते चल बसे

सार

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा रोज बढ़ा रहा है। जहां 35 दिनों में 110 बच्चों की मौत हो गई है। 

कोटा (राजस्थान). कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा रोज बढ़ा रहा है। जहां 35 दिनों में 110 बच्चों की मौत हो गई है। इसी घटना से पीड़ित एक ऐसा परिवार है, जिसके घर जुड़वा बच्चों ने जन्म दिया था। लेकिन बदकिस्मती वह दोनों ही मासूम दम तोड़ चुके हैं।

एक 2 दिन बाद मौत, दूसरा डेढ़ महीने में चल बसा
दरअसल, कोटा शहर के रहने वाले आदिल की पत्नी शानू ने 13 नवंबर को हॉस्पिटल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। जहां माता-पिता ने एक का नाम राहिल और दूसरे का नाम आहिल रखा।  लेकिन अनदेखी और लापरवाही की वजह से एक की तो दो दिन बाद जान चली गई। वहीं दूसरा डेढ़ महीने में चल बसा। अब उस घर में सिर्फ मातम के अलावा कुछ नहीं बचा।

मां चीख-चीखकर कह रही एक ही बात
जिस मां की गोद सूनी हुई उसका हाल जानकर कलेजा फट जाता है। पीड़िता महिला शानू चीख-चीखकर कह रही है कि मेरे दोनों बच्चों की मौत के जिम्मेदार अस्पताल की बदहाल व्यवस्था है। जहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। आज मेरा बच्चे गए हैं तो कल किसी और के जाएंगे। वहीं आदिल की मां यानी नवजात बच्चों की दादी कहती हैं, अब किसी मां की कोख ना उजड़े, अस्पताल में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधारी जाएं। नई मशीनें और उपकरण खरीदें। बड़े डॉक्टर बुलाएं। 

पिता ने बयां किया अपना दर्द
आदिल ने मीडिया से बात  करते हुए अपना दुख बयां किया। उसने कहा- एक नवजात ने  15 नवंबर को अस्पताल के एनआईसीयू में दम तोड़ दिया था। वहीं दूसरे की जब तबीयत बिगड़ने लगी तो उसको भी डॉक्टरों ने  एनआईसीयू में भर्ती होने का कहा। हमने वैसा ही किया जैसे डॉक्टरों ने कहा। लेकन उन्होने कोई उचित इलाज नहीं किया। जिसकी वहज से मेरा दूसरा बेटे ने 22 दिसंबर को दम तोड़ दिया।

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