
जयपुर. दिवाली के नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में पटाखों की गूंज आती है। मानो दिवाली और पटाखों का मेल ही दीपावली को शुभ और मजेदार बनाता है। बच्चे से लेकर बड़े तक इस त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए पटाखे खरीदने लगते हैं। लेकिन राजस्थान सरकार ने पटाखों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगा दी है।
गहलोत सरकार ने इस वजह से लिया ये फैसला
दरअसल, मुख्यमंत्री गहलोत ने यह फैसला कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने और कोविड-19 की परेशानी के चलते पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं के कारण कोविड मरीजों के साथ ही हृदय एवं श्वास रोगियों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेशवासियों की जीवन की रक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है।
सीएम ने अधिकारियों के दिए सख्त आदेश
राज्य में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को लेकर सीएम गहलोत ने मंगलवार शाम अधिकारियों के साथ एक मीटिंग भी की। जिसमें आर्थिक जुर्माने के बारे में चर्चा करने के बाद अधिसूचना भी जारी कर दी गई।
(मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुए)
पटाखे फोड़ने वाले की भी खैर नहीं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों दी इस गाइडलाइन में कहा कि आदेश के बाद भी अगर कोई दुकानदार बेचता हुआ दिखाई दिया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दुकानदार पर लगेगा 10 हजार का जुर्माना भी लगेगा। इतना ही नहीं जो भी इन्हें जलाने की अनुमति देता है, उसे 2000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया जाएगा। इसलिए राज्य में इस साल दीपावली बिना पटाखों के मनेगी।
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