राजसमंद से भाजपा की दीप्ति माहेश्वरी, सहाड़ा से कांग्रेस की गायत्री देवी और सुजानगढ़ में कांग्रेस के मनोज मेघवाल ने जीत का परचम लहराया है। जिसमें राजसमंद में बीजेपी अपने गढ़ को बचाने में सफल रही तो वहीं कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों के लिए मतदाताओं ने दिवंगत विधायकों के परिजनों के प्रति पूरी सहानुभूति दिखाते हुए जीत दिलवा दी।
जयपुर. राजस्थान में हुए तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव का रिजल्ट आ गआ है। जिसमें राजसमंद सीट पर बीजेपी,सहाड़ा और सुजागनढ़ सीट पर कांग्रेस ने फिर से जीत हासिल की है। हालांकि अभी तक किसी भी सीट के परिणामों की अधिकृत घोषणा चुनाव आयोग ने नहीं की है। यह परिणाम पिछली बार हुए विधानसभा चुनावों की तरह रहे। यानी कि दो पर कांग्रेस तो एक पर भाजपा ने जीत हासिल की है। परिणामों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि तीनों सीटों के नतीजे कुछ भी रहे हो, लेकिन जीतने वाले तीनों प्रत्याशी जश्न न मनाएं, कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखें।
सहानुभूति की लहर में सबकी नैया पार
दरअसल, तीनों सीटों पर दिवंगत विधायकों के परिजनों को बीजेपी और कांग्रेस ने टिकट दिया था। जिसमें राजसमंद से भाजपा की दीप्ति माहेश्वरी, सहाड़ा से कांग्रेस की गायत्री देवी और सुजानगढ़ में कांग्रेस के मनोज मेघवाल ने जीत का परचम लहराया है। जिसमें राजसमंद में बीजेपी अपने गढ़ को बचाने में सफल रही तो वहीं कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों के लिए मतदाताओं ने दिवंगत विधायकों के परिजनों के प्रति पूरी सहानुभूति दिखाते हुए जीत दिलवा दी।
- बता दें कि राजसमंद में बीजेपी की दीप्ति माहेश्वरी ने 5165 वोट से जीत दर्ज की है। जिन्होंने कांग्रेस के तनसुख बोहरा को हाराया है। दीप्ति को 74131 वोट मिले तो वहीं तनसुख बोहरा को 68966 मत प्राप्त हुए। परिमाणों की यह गिनती 25 राउंड के बाद फाइनल तक पहुंच पाई।
- सहाड़ा में कांग्रेस की गायत्री देवी ने 42099 वोट के अंतर से भाजपा के डॉ. रतन लाल जाट को हराया है। गायत्री देवी को 81,151 वोट मिले, जबकि भाजपा के रतन लाल जाट को 39,052 वोट ही मिले। वहीं आरएलपी के बद्रीलाल जाट को 12,175 वोट हासिल कर सके। यहां 28 राउंड की काउंटिंग हो चुकी है।
- सुजानगढ़ से कांग्रेस के मनोज मेघवाल ने 70985 मिले हैं, जबकि भाजपा को 41170 और आरएलपी को 31133 वोट ही मिल सके। यहां 27वें राउंड में कांग्रेस को 38670 वोट से आगे रही है।
चुनावी रण में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा लगी थी दांव पर
बता दें कि इन तीनों सीटों पर हुए उपचुनाव पर राज्य के कई दिग्गजों और प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने चुनाव जीते के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। सियासी संकट के बाद गहलोत और पायलट उपचुनावें में कई बार एक मंच पर साथ-साथ दिखाई भी दिए थे। वहीं बीजेपी की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी इन चुनावों में स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल थीं। हालांकि वह ज्यादा सक्रिय नहीं दिखीं।