
जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot government) ने डीजल-पेट्रोल के दामों में राहत देने के बाद आम उपभोक्ताओं को एक और बड़ी खुशखबरी दी है। राज्य में घरेलू बिजली के रेट फिलहाल नहीं बढ़ेंगे। विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने आम जनता को राहत देते हुए बिजली वितरण (discom) के फिक्स चार्ज बढ़ाने के प्रस्ताव (Proposal) को खारिज कर दिया है।
दरअसल, विद्युत नियामक आयोग ने जयपुर (Jaipur), जोधपुर (Jodhpur) और अजमेर (Ajmer) डिस्कॉम की याचिकाओं का निस्तारण किया और आम उपभोक्ताओं पर बिजली दर नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है। बिजली कंपनियों ने 4 साल के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन आयोग ने वर्ष 2020-21 और 2022 की याचिका पर ही विचार किया। बड़े उद्योग और ईवी चार्जिंग स्टेशन पर सुबह 6 से लेकर रात 10 बजे तक 5 प्रतिशत प्रति यूनिट सरचार्ज लगाया है।
एक हफ्ते पहले ही फ्यूल के रेट में मिली राहत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक हफ्ते पहले ही राजस्थान (Rajasthan) में पेट्रोल (petrol) और डीजल (diesel) पर वैट घटाने का फैसला लिया है। प्रदेश अब में पेट्रोल 4 रुपए और डीजल 5 रुपए सस्ता मिलने लगा है। इससे राज्य सरकार के राजस्व में 3500 करोड़ रुपए सालाना नुकसान होगा। फ्यूल में वैट घटाए जाने के बाद बिजली बिलों पर सरचार्ज को लेकर खबरें चल रही थीं, जिन पर अब विराम लग गया है। घरेलू बिजली रेट प्रदेश में फिलहाल नहीं बढ़ेंगे।
बड़े उद्योगों को राहत नहीं, सरचार्ज रेट बढ़े
प्रदेश के घरेलू, अघरेलू, छोटे और मध्यम उद्योग और कृषि समेत अन्य खुदरा उपभोक्ताओं का बिजली बिल नहीं बढ़ेगा। विद्युत नियामक आयोग ने आम जनता को राहत दी और बिजली वितरण के फिक्स चार्ज बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। हालांकि, बड़े उद्योगों को सुबह 6 से रात 10 बजे तक इस्तेमाल की जाने वाली बिजली पर 5% सरचार्ज लेने के फैसले को मंजूर कर लिया है।
इनको भी मिलेगी सस्ती बिजली
इसके अलावा राजस्थान विद्युत नियामक आयोग ने कई अन्य क्षेत्रों में राहत दी है। इसके तहत सार्वजनिक पूजा स्थल की धर्मशालाओं में भी कमर्शियल की बजाय घरेलू बिजली रेट ही लगेगा। इसी तरह सिलिकोसिस मरीजों को बीपीएल श्रेणी में माना और उसी रेट पर बिजली दी जाएगी।
डिस्कॉम ने लगाया था 13 हजार करोड़ घाटे का अनुमान, आयोग ने नहीं माना
जयपुर, जोधपुर और अजमेर बिजली वितरण ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 7927 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 5236 करोड़ रुपए को मिलाकर 13163 करोड़ के घाटे का अनुमान लगाया था। साथ ही तीनों डिस्कॉम की ओर से घरेलू बिजली बिलों में सरचार्ज बढ़ाकर घाटा कम करने की मांग की थी। विद्युत नियामक आयोग ने इसे डिस्कॉम्स की अक्षमता को बड़ा कारण माना और इस घाटे का भार जनता पर डालने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्हें घाटे की आपूर्ति के लिए प्रॉपर्टी से ही कमाई करने का मॉडल अपनाने की सलाह दी।
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