शुध्दता की पहचान रखने वाला जयपुर का मसाला मेला 2 साल के लॉकडॉउन के बाद फिर से अपनी महक पिंक सिटी की गलियों में बिखेर रहा है।
जयपुर. मसालों का भारतीयों के जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। बिना मसालों के हमारा भोजन बेस्वाद और फीका लगता है। मसालों के इसी जायके को बढ़ाते हुए जयपुर के जवाहर कला केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय मसाला मेले (spice fair) में न केवल राजस्थान से बल्कि दूसरे राज्यों के मसाले भी अपनी महक बढ़ा रहे हैं। सहकारिता विभाग की तरफ से लगाया गया ये मेला 9 मई तक लगेगा। इस मेले में आकर कोई भी व्यक्ति देश दुनिया के बेहतरीन मसाले खरीद सकता है। इस मेले का आयोजन कोविड-19 के कारण दो वर्षों से नहीं हो पाया था, लेकिन एक बार फिर से पिंकसिटी मसालों की खूशबू से महक रहा है. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि इस मेले के माध्यम से जयपुर की जनता को शुद्ध मसाले मिलेंगे. स्थानीय लोगों के साथ-साथ मसालों के शौकीनों को इस मेले का इंतजार हर साल रहता है।
हर मसाला 100% शुद्ध और इनकी है भरमार
यहां मिलने वाले मसालों में भीनमाल का जीरा, जोधपुर के मथानिया, नागौर की दाना मैथी, हरी मैथी, रामगंजमंडी का धनिया, सवाई माधोपुर व टोंक की मिर्च, भीण्डर का अजवाइन, भुसावर व भीलवाड़ा के आचार, महिला सहकारी समितियों के कई तरह के पापड़-मंगोडी, आचार व अन्य उत्पाद उपलब्ध होंगे। इसके अलावा उपभोक्ता संघ के उपहार ब्राण्ड के मसालें, बूंदी और बारां के चावल, तिलम संघ का तेल, आंवला उत्पाद के साथ सीकर का प्याज, चित्तौडगढ़ का लहसुन और भी कई उत्पाद मेले में बिकने को आए हैं। इसके साथ ही साथ यहां शरबत, ज्यूस और अन्य बहुत सारें उत्पाद भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
क्यो खास होता है ये मेला
मेले में साबुत और पीसे हुए मसालों के साथ ही, मौके पर ही मसाला पीसकर उपलब्ध कराने की व्यवस्था रहती है।राजस्थान के अलावा अन्य प्रदेशों खासतौर से पंजाब, तमिलनाडू, केरल सहित अन्य प्रदेशों के मसाले भी इस मेले की शोभा बढा रहे है। इसके अलावा इस मेले की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन चुकी है। बता दे कि यहां पर पहले से ही संस्थाओं को गुणवत्ता युक्त मसाले लाने का कहा जाता है ताकि मेले की साख हमेशा बनी रहे। सहकार मसाला मेला 30 अप्रैल से चालू हो चुका है जो 09 मई तक चलेगा। इस मेले में सुबह 11 से रात 9 बजे तक इंट्री रहती है। इस मेले की विशेषता यह है कि इसमें कोई भी व्यक्ति आके मसाला खरीद सकता है क्योंकि यहां मेले प्रवेश निःशुल्क रहता है। मतलब किसी तरह की कोई इंट्री फीस नहीं ली जाती है।
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