ऐसा क्या है राजस्थान के इन सरकारी स्कूलों में, जहां एडमिशन होना चमत्कार: मंत्री-सांसद का सोर्स भी नहीं चल रहा

राजस्थान में में पांच सौ से ज्यादा नए सरकारी स्कूल खुले हैं, जिनका नाम है महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल। इन स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए आज लॉटरी निकाली जाएगी। अब यहां प्रवेश लेने के लिए हालात ये हो गए हैं कि लोग मंत्री, एमएलए की डिजायर लेकर खड़े हैं अैर प्रिसिपल कर रहे हैं कि डिजायर काम नहीं आएगी....एक सीट के चालीस बच्चे हैं.... एडमिशन तो लॉटरी से ही होगा। 

जयपुर (राजस्थान). सरकारी स्कूल.... नाम सुनते ही आपके दिमाग में छवि आती होती एक जर्जर सी बिल्डंग और उसमें टूटे फूटे फर्नीचर पर बैठकर अधूरी गणवेश में बैठे, पढ़ने की कोशिश करते बच्चे। साथ ही नींद लेने के दौरान चेहरे से मक्ख्यिां उड़ाते मास्साब....। अमूमन हर प्रदेश में अधिकतर सरकारी स्कूलों का ऐसा ही हाल आपके जहन में हो...। शहरों की हालत थोड़ी सही मान सकते हैं। लेकिन स्कूल में एडमिशन लेने के लिए लॉटरी.... यह तो सपने में भी नहीं सोचा जा सकता...। लेकिन ऐसा हो रहा है और वह भी सिर्फ चार साल के अंतराल में और वह भी राजस्थान में। राजस्थान में अब सरकारी स्कूलों के हालात ये हो गए हैं कि लोग मंत्री, एमएलए की डिजायर लेकर खड़े हैं अैर प्रिसिपल कर रहे हैं कि डिजायर काम नहीं आएगी.... एक सीट के चालीस बच्चे हैं.... एडमिशन तो लॉटरी से ही होगा। बड़ी बात ये है कि इन स्कूलों में जो फैक्ल्टी है वह भी वे सरकारी अध्यापक है जिनकी स्कूलिंग अंग्रेजी माध्यम में हुई है। इस साल साठ से ज्यादा नए स्कूल खोलने की तैयारी चल रही है। 

प्रदेश में पांच सौ से ज्यादा नए स्कूल खुले हैं नाम है महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल
दरअसल. राजस्थान सरकार ने साल 2019 में सरकार बनने के बाद एज्यूकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए सरकारी स्तर पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले। पहले साल उनको कोई रेस्पोंस नहीं मिला। लोगों ने सोचा ये भी आम सरकारी स्कूल जैसे होंगे। बाद में 2020 और 2021 में लॉक डाउन लग गया। नौकरियां चली गई, काम धंधे बंद हो गए। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता पिता फीस के बोझ के नीचे ऐसे दबे कि बच्चों का स्कूल छुडाने लगे। ऐसे में सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों े लिए और बंदोबस्त किए। लोगों का ध्यान इस ओर पडा तो लोगों ने बच्चों के एडमिशन इन सरकारी स्कूलों में करने की तैयारी की। पिछले साल 2021 में आसानी से एडमिशन हो गए, बच्चों के परिणाम अच्छे आए तो अब इस साल तो बाढ़ ही आ गई। अब इन स्कूलों में एक एक सीट पर तीस से चालीस बच्चों की एप्लीकेशन आ गई तो अब प्रवेश प्रक्रिया को लॉटरी सिस्टम में बदल दिया गया है। आज इसकी लॉटरी निकलनी है। प्रदेाश् भर में दस लाख से भी ज्यादा आवेदन आए हैं करीब बीस से पच्चीस हजार सीटों के लिए। जयपुर में 88 स्कूल हैं... इनके लिए एक लाख तीस हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं। 

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अब पढ़िए बच्चों के परिजन क्या बता रहे हैं, क्यों यही स्कूल चाहिए
मुरलीपुरा में रहने वाले विमल कुमार कहते हैं कि बच्चा सात साल का है, पहली में प्रवेश दिलाना है। निजी काम है इतनी पगार है नहीं कि बड़े स्कूल में प्रवेश कराएं। महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के बारे में सुना। पता किया तो पता चला कि फीस के नाम पर चंद रुपए लगने है। बच्चे को प्रवेश दिलाने की सोची तो पता चला पहली क्लास की हर सीट के लिए सत्तर से ज्यादा बच्चे कतार में हैं। भगवान से प्रार्थना हैं कि एक बार बच्चे को प्रवेश मिल जाए तो बारहवीं की तक की चिंता दूर हो जाए। एमएलए से भी प्रवेश के लिए पत्र लिखवाया है, लेकिन प्रिसिंपल साहब मानने को तैयार नहीं हैं। वह कहते हैं कि एडमिशन तो लॉटरी से ही होगा। सही हाल आगरा रोड पर रहने वाले अभिषेक शर्मा का है। 

आज खुलेगी लॉटरी.... 
इन स्कूलों में एक मई से शुरु होकर दस मई तक आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब आज लॉटरी निकाली जाएगी। लॉटरी स्कूलों के अध्यापक हजारों आवेदकों के सामने निकालेंगे। कक्षा 1 से 10वीं तक 2 मई से 10 मई तक आवेदन प्रक्रिया चली है। कक्षा 1 से 5वीं तक 30 सीट प्रति क्लास और कक्षा 6 से 8वीं तक 35 सीट प्रति क्लास है। कक्षा 9वीं में 60 सीट और कक्षा 10वीं में 60 सीटों पर होना है प्रवेश। बच्चे के आवेदन के बाद उसका एडमिशन हो जाता है तो .. उसके बाद बच्चे का इंटरव्यू भी होगा कि क्या वो इस अंग्रेजी विद्यालय में पढने लायक है... अगर नहीं है तो दूसरे को प्रवेश दिया जाएगा।

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