
जयपुर. राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के लिए असली कवायद आज शाम 7:00 बजे से शुरू हो रही है। मल्लिका अर्जुन खड़के और अजय माकन ,दोनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है और दोनों आज शाम विधायक दल की बैठक लेंगे। इस बैठक से पहले आज पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की अग्निपरीक्षा है। पायलट को आज साथी विधायकों की मदद से ताकत दिखानी होगी, नहीं तो उनके हाथ आती आती मुख्यमंत्री की कुर्सी एक बार फिसल सकती है। दूसरा नाम सीपी जोशी का है।सीपी जोशी को ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है । वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विश्वास पात्र हैं और जो भी कुछ करेंगे मुख्यमंत्री खुद उनके लिए करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 80 से ज्यादा विधायकों के सीधे संपर्क में हैं । सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि पूरा खेल फिलहाल एक तरफा नजर आ रहा है ।
यह सब होने वाला है विधायक दल की बैठक में
विधायक दल की एक बैठक पिछले दिनों उस समय भी हुई थी जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार सुबह दिल्ली चले गए थे । बुधवार रात 10:00 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी जिसमें सभी विधायकों से मुख्यमंत्री के नाम के बारे में चर्चा की गई थी। विधायक दल की दूसरी बैठक आज हो रही है। इसमें दिल्ली से आए दोनों वरिष्ठ नेता सभी विधायकों से बातचीत कर यह निष्कर्ष निकालेंगे की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किसे बिठाया जाए ।
इन दो नेताओं में सीधी टक्कर
सोशल मीडिया के अनुसार मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सचिन पायलट और सीपी जोशी के अलावा और भी कई नाम चल रहे हैं । टक्कर सीधे तौर पर दोनों नेताओं में ही देखी जा रही है । लेकिन नए विचार और नाम अंतिम समय तक आमंत्रित करने की बात सामने आ रही है।
मल्लिका अर्जुन खड़के और अजय माकन ने यह बैठक शाम 7:00 बजे सीएमआर में बुलाई है । सभी विधायकों को आने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
सचिन के पास फिलहाल 15 एमएलए बताए जा रहे
सचिन पायलट के पास सीधे तौर पर तो किसी एमएलए को नहीं बताया जा सकता लेकिन फिर भी पिछले दिनों चल रही मीडिया की खबरों के अनुसार 15 एमएलए उनके साथ हो सकते हैं। इनमें आरएलपी के तीन विधायक बसपा पार्टी के 6 विधायक समेत कुछ निर्दलीय विधायक शामिल है । लेकिन इन 15 विधायकों के अलावा 80 से ज्यादा अन्य विधायक सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संपर्क में है।
एक फार्मूला यह भी कर सकता है काम
शुक्रवार दोपहर को जब सचिन पायलट विधानसभा पहुंचे और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से करीब आधा घंटे तक बातचीत की तो इस बातचीत के भी अब कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं । बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। एक नेता को मुख्यमंत्री और दूसरे को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि यह आलाकमान तय करेगा कि मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के बनने के बाद मंत्रिमंडल में बदलाव होगा या नहीं या आने वाला चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा। फिलहाल सबसे बड़ी बात मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को लेकर हो सकती है । आने वाले इस सप्ताह में संभव है कि राजस्थान को मुख्यमंत्री मिल जाए।
नेताओं का कहना आखिरी प्रयास करेंगे हम
उधर राजस्थान के एमएलए और अन्य नेताओं का कहना है कि वे अगले सप्ताह एक साथ दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कहना है कि हम लोग मिल जुलकर आलाकमान के पास जाएंगे और पुरजोर कोशिश करेंगे की राजस्थान में नेतृत्व नहीं बदला जाए। नेतृत्व बदलने से कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती है। हम आखरी समय तक कोशिश करेंगे कि माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद भी संभालते रहे।
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