पापी पेट का सवाल: बेबसी ऐसी की मजदूर खुद बन गया बैल, पिता पीछे से मार रहा डंडा और बेटा खींच रहा गाड़ी

कोरोना वायरस का असर समाज के हर वर्ग पर पड़ा है। खासकर इसकी मार गरीब पर ज्यादा पड़ी है, जो अब तक बुरे वक्त से जूझ रहे हैं। राजस्थान से एक ही दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। जिसकी बेबसी देख हर आंख से आंसू आ जाएं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 10, 2020 7:36 AM IST / Updated: Sep 10 2020, 01:38 PM IST

भरतपुर (राजस्थान). कोरोना वायरस का असर समाज के हर वर्ग पर पड़ा है। खासकर इसकी मार गरीब पर ज्यादा पड़ी है, जो अब तक बुरे वक्त से जूझ रहे हैं। राजस्थान से एक ही दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। जिसकी बेबसी देख हर आंख से आंसू आ जाएं। जहां एक मजदूर किसान अपना पेट भरने के लिए बैल के जोड़ीदार बन गाड़ी को खींच रहा था। 

इस दृश्य को देख लोग हो गए भावुक...
दरअसल, यह दर्दभरी तस्वीर भरतपुर जिले के भुसावर कस्बे की है। जहां का एक लौहार परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। स्टेट मेगा हाइवे नंबर- 45 पर राहगीरों ने जैसे ही इस दृश्य को देखा तो वह ठिठकर रह गए। उन्होंने देखा कि युवक अपने एक बैल के साथ देने के लिए बैलगाड़ी में जुता हुआ था। गाड़ी में बैठे पिता बैल को डंडा मारे जा रहा था, वहीं उसका बेटा बैल बन गाड़ी खींच रहा था।

एक बैल की मौत हो गई, दूसरा खरीदने के नहीं थे पैसे
जब लोगों ने युवक से उसकी इस बेबसी के बार में पूछा तो उसकी आंखों से आंसू निकल पड़े। कहने लगा कि मेरे पास दो बैल थे, जिससे बैलगाड़ी में माल भरकर गांव से कस्बे तक ले जाता था। इसके बदले मुझे जो भाड़ा मिलता था उससे मेरे परिवार का खर्चा चलता था, लेकिन कुछ दिनों पहले उसकी मौत हो गई। काम धंधा ठप होने के चलते मेरे पास इतने रुपए भी नहीं थे कि दूसरा बैल खरीद सकूं। इसलिए मैं ही बैल का साथ देने के लिए गाड़ी को जोतने लगा।
 

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