दर्द से चीख रही थी गर्भवती, मुस्लिम नाम सुनते ही डॉक्टर ने नहीं किया भर्ती..जन्म के बाद बच्चे की मौत

राजस्थान के भरतपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।  जहां इरफान नाम के एक युवक ने अस्पताल पर मुसलमान होने की वजह से गर्भवती पत्नी का इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है। इरफान ने कहा कि डॉक्टर ने मेरा नाम पूछते ही इलाज इंकार कर दिया और कहा की आप जयपुर जाएं। अस्पताल से निकलने के बाद महिला ने एंबुलेंस के अंदर बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ ही देर में नवजात की मौत हो गई। जब यह मामला लोगों के सामने आया तो पुरे महकमें में हड़कंप मच गया।

Asianet News Hindi | Published : Apr 5, 2020 1:33 PM IST

भरतपुर.राजस्थान के भरतपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।  जहां इरफान नाम के एक युवक ने अस्पताल पर मुसलमान होने की वजह से गर्भवती पत्नी का इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है। इरफान ने कहा कि डॉक्टर ने मेरा नाम पूछते ही इलाज इंकार कर दिया और कहा की आप जयपुर जाएं। अस्पताल से निकलने के बाद महिला ने एंबुलेंस के अंदर बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ ही देर में नवजात की मौत हो गई। जब यह मामला लोगों के सामने आया तो पुरे महकमें में हड़कंप मच गया।

पर्यटन मंत्री ने अपने ट्वीटर अकाउंट से शेयर किया वीडियो

इरफान ने इस घटना पर एक वीडियो बनाया और आरोप लगाया कि अगर डॉक्टर वक्तत रहते पत्नी का इलाज कर देते तो बच्चे की मौत नहीं होती। जब यह वीडियो राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट से इसे शेयर कर दिया। 
साथ ही मंत्री ने लिखा - भरतपुर के अस्पताल में डॉक्टर ने एक गर्भवती महिला का इलाज सिर्फ इललिए नहीं किया, क्योंकि वह महिला मुसलमान थी। यह बेहद शर्मनाक घटना है। किसी धर्म के चंद लोग पूरे भारत में तांडव मचा रहे हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की आप किसी धर्म के नाम पर किसी मां को ऐसी भयानक पीड़ा देंगे। यह कतई स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। 

स्वास्थ्य मंत्री ने आरोपों को निराधार बताया

मामला सामने आने के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।  गर्ग का कहाना है कि पीड़िता जब भरतपुर अस्पताल में पहुंची थी तो डॉक्टरों मे उसकी जांच की थी लेकिन महिला की हालत ठीक नहीं थी। इसिलिए उसे बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए जयपुर रेफर किया गया था। जब उनसे इरफान के आरोपो पर पुछा गया तो उन्होनें इन आरोपों को निराधार बताया। मंत्री ने कहा-पीड़िता को साढ़े छह महीने का गर्भ था इसलिए डॉक्टरों ने जांच कर रेफर किया था। अगर कोई ऐसी बात रहती तो पिछले पांच दिनो में ही इस अस्पताल में 3 मुस्लिम महिलांएं भर्ती हो चुकी हैं। फिर उनका भी इलाज नहीं हुआ होता। 

 

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