
सीकर, राजस्थान के सबसे बड़े गैंगस्टर राजू ठेहट के मर्डर के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। एक दिन बाद ही पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से हथियार और कारतूत भी बरामद किए गए हैं। वहीं राजस्थान के राजस्थान के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि राजू की हत्या में शामिल 5 बदमाशों को पकड़ लिया गया है। दो बदमाशों को हरियाणा के बॉर्डर के नजदीक डाबला से गिरफ्तार किया गया है।
3 हरियाणा तो 2 सीकर के रहने वाले हैं शूटर
राजस्थान पुलिस के डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि पकड़े गए पांचों आरोपी में से दो सीकर जिले का रहने वाले हैं। जिनके नाम मनीष जाट और विक्रम गुर्जर हैं। वहीं इस हत्याकांड में शामिल तीन बदमाश हरियाणा के हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले हैं। जिनके नाम सतीश कुम्हार, जतिन मेघवाल और नवीन मेघवाल हैं। सभी बदमाशों के पास से बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस भी पकड़े हैं। इसके अलावा उनके पास से एक चोरी की क्रेटा गाड़ी भी बरामद की है।
सीएम गहलोत ने कहा-पांचों को कड़ी सजा मिलेगी
बता दें कि कुख्यात गैंगस्टर राजू की हत्या के बाद से बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर हमला करते हुए कटघरे में खड़ा कर दिया है। लेकिन 24 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान भी सामने आया है। उन्होंने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा-कल सीकर में हुए हत्याकांड के 5 आरोपियों को मय हथियार एवं वाहन गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सभी आरोपियों को त्वरित ट्रायल कर अदालत के द्वारा जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा।
गैंगस्टर को मारने के लिए बरसाईं थीं 24 गोलियां
बता दें कि एक दिन पहले शनिवार सुबह को राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट पर बदमाशों ने 24 गोलियां बरस कर मौत के घाट उतार दिया था। आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम सीकर के पिपराली रोड स्थित घर के सामने अंजाम दिया था। आरोपी राजू को मारने के लिए कोचिंग की ड्रेस में पहुंचे थे। उन्होंने घर के बाहर लगी घंटी बजाकर राजू को बुलाया और दनादान फायरिंक कर दी। जिसमें ठेहट को 3 से ज्यादा गोली लगी थी। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
लॉरेंस गैंग ने ली गैंगस्टर के मर्डर की जिम्मेदारी
गैंगस्टर राजू को शूट करने की जिम्मेदारी लॉरेंस ग्रुप के लिए काम करने वाले हिस्ट्रीशीटर रोहित गोदारा नाम है। उसने वारदात के एक घंटे बाद ही फेसबुक आईडी से एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा-मैं हत्या की जिम्मेदारी लेता हूं बदला पूरा हुआ। राजू की हत्या कर हमने आनंदपाल और बलबीर बानूड़ा की हत्या का बदला लिया है। रोहित गोदारा भारत में वांटेड है, वो अजरबैजान से लॉरेस और गोल्डी की क्राइम कंपनी को ऑपरेट करता है।
लग्जरी लाइफ का शौकनी था राजू ठेहट
राजू ठेहट की गिनती राजस्थान के सबसे बड़े गैंगस्टर में होती थी। वह आनंदपाल की मौत के बाद उसकी दबंगाई बढ़ गई थी। सीकर जिले में लोग उसको बॉस कहकर पुकाने लगे थे। । राजू बिजनेसमैनों की तरह लग्जरी लाइफ जीता था। उसे नेताओं की तरह रहना पसंद था, इसलिए वो अक्सर सफेद रंगे हे की पकड़े पहनता था। बताया जाता है कि वह आने वाले समय में सीकर से चुनाव भी लड़ने वाला था।
सोशल मीडिया पर उसके हजारों फैन हैं, वहीं महंगी कारों में उसका काफिला चलता था, आगे-पीछ बाउंसर तैनात होते। लेकिन जिस वक्त उसकी हत्या हुई, उस दौरान उसके साथ एक गार्ड भी नहीं था।
लग्जरी लाइफ का शौकनी था राजू ठेहट
राजू ठेहट की गिनती राजस्थान के सबसे बड़े गैंगस्टर में होती थी। वह आनंदपाल की मौत के बाद उसकी दबंगाई बढ़ गई थी। सीकर जिले में लोग उसको बॉस कहकर पुकाने लगे थे। । राजू बिजनेसमैनों की तरह लग्जरी लाइफ जीता था। उसे नेताओं की तरह रहना पसंद था, इसलिए वो अक्सर सफेद रंगे हे की पकड़े पहनता था। बताया जाता है कि वह आने वाले समय में सीकर से चुनाव भी लड़ने वाला था।
सोशल मीडिया पर उसके हजारों फैन हैं, वहीं महंगी कारों में उसका काफिला चलता था, आगे-पीछ बाउंसर तैनात होते। लेकिन जिस वक्त उसकी हत्या हुई, उस दौरान उसके साथ एक गार्ड भी नहीं था।
दूध बेचते-बेचते राजू ऐसे बना राजस्थान का सबसे बड़ा गैंगस्टर
राजू गैंगस्टर बनने से पहले एक आम आदमी की तरह था, वो दूध बेंचकर अपना गुजर-बसर करता था। लेकिन इसी दौरान 1995 में उसकी जान पहजान राजस्थान के बदमाश बलवीर से हुई, जो लॉरेंस गैंग का सदस्य था। इसके बाद दोनों की दोस्ती हुई और राजू ठेहट ने शराब कारोबार में हाथ डाला। फिर दूध का कारोबार छोड़कर शराब कारोबार में उतर गया । 1998 में दोनों ने अपराध की दुनिया में भी कदम रख दिया। दो-तीन साल में ही राजू की लाइफ स्टाइल बदल गई। साइकिल पर चलने वाला राजू अब बुलेट और कारों में चलने लगा था। फिर वह धीरे धीरे अवैध काम करने लगा और मर्डर तक की सुपारी लेने लगा। लेकिन वक्त के साथ साल 2004 में दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदलती चली गई । फिर बाद बलवीर ने राजू को ठिकाने लगाने की तैयारी कर ली । इस कारण उसने शेखावटी के सबसे बड़े गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से हाथ मिला लिया। इसी दौरान गैंगवार में आनंदपाल और बलवीर की हत्या हो गई। लॉरेंस ग्रुप ने इसका जिम्मेदार राजू को माना और उसकी हत्या करने की प्लानिंग शुरू कर दी।
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