त्यौहार के दिन राजस्थान में हुआ दुखद हादसाः मजदूर पिता और होनहार बेटी की अंतिम विदाई में रोया पूरा गांव

राजस्थान में जहां गणेशोत्सव की तैयारी चल रही है वहीं सीकर जिलें के काशी बाग में पिता और उसकी होनहार बेटी की मौत के समाचार के कारण मातम पसर गया है,पूरे गांव में चूल्हे तक नहीं जले है। एक्सीडेंट में पिता की मौत के बाद बेटी ने भी तोड़ा दम। बुधवार 31 अगस्त के दिन उनकी अंतिम यात्रा में पूरा गांव रोया।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 31, 2022 1:07 PM IST / Updated: Sep 01 2022, 06:44 PM IST

सीकर. राजस्थान के सीकर जिलें में एक ट्रक चालक ने टोल का करीब ₹400 बचाने के चक्कर में एक परिवार से खुशियां छीन ली। टोल बचाने के चक्कर में ट्रक चालक ने ट्रक को अंधाधुंध दौड़ाया जिससे ट्रक ने सामने से आ रही बाइक को उड़ा दिया। बाइक पर सवार पिता पुत्री ने कुछ घंटों के अंतराल में दम तोड़ दिया। सीकर के दूजोड़ टोल नाके  के नजदीक यह दर्दनाक हादसा हुआ। हादसे में काशी का बाग निवासी 40 साल के हरफूल और 17 साल की उसकी बेटी पूजा की मौत हो गई। पुलिस ने हादसे के बाद भागे ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। 

मजदूरी करने जा रहा था पिता, बेटी कॉलेज जाने के लिए बैठी थी साथ
मामले की जांच कर रही पुलिस ने बताया कि मंगलवार दोपहर हरफूल मजदूरी पर जा रहा था। उसकी बेटी पूजा भी उसके साथ थी। जो कॉलेज जाने के लिए पिता के साथ उसकी बाइक पर बैठी थी। दोनों काशी का बास स्थित अपने घर से निकले ही थे कि इस दौरान उन्हें एक ट्रक ने टक्कर मार दी। स्थानीय लोग दोनों घायलों को लेकर सीकर के कल्याण अस्पताल पहुंचे जहां पर दोनों की हालत गंभीर बनी रही। दोनों को जयपुर के s.m.s. अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन हर फूल सिंह की रास्ते में ही मौत हो गई। उसके शव को वापस कल्याण अस्पताल लाया गया और अंतिम संस्कार की तैयारी घर में शुरू कर दी गई।

पिता का अंतिम संस्कार करके लौटे, तभी बेटी के मौत की भी खबर आई
दोपहर बाद हुए इस घटनाक्रम के बाद जब परिजन हरफूल के शव का अंतिम संस्कार कर वापस लौट रहे थे तो कुछ ही देर में शाम के समय पूजा की भी मौत की सूचना घर आ पहुंची । पूजा के शव को भी बुधवार 31 अगस्त के दिन पिता के नजदीक ही अंतिम संस्कार किया गया है। 

गांव में छाया मातम
इस घटना के बाद से गांव में मातम का माहौल है । ग्रामीणों ने बताया कि खाड़ी देशों में काम करने वाला हरफूल कुछ साल पहले वापस सीकर लौटा था और सीकर में मजदूरी का काम करता था। उसके चार बच्चे हैं। दो बेटे जो गांव में ही स्कूल में अच्छी शिक्षा पा रहे हैं। एक बेटी जो बीएससी सेकंड ईयर की छात्रा थी। सबसे बड़ी बेटी झारखंड में आईआईटी कर रही है। पिता और बहन की मौत के बाद से तीनों भाई-बहन सदमे में है। उधर मां का रो रो कर बुरा हाल है। गांव के लोग परिवार की हर संभव मदद कर रहे हैं।

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