भगवान किसी को न दे ऐसे मां-बाप, जिन्होंने जीते-जी अपने ही बच्चे को रोते-बिलखते मार डाला

डॉक्टरों ने मासूम के ऑपरेशन के लिए दिवाली के बाद का समय तय किया था। लेकिन इससे पहले ही नवजात की तबीयत इतनी ज्यादा बिगड़ गई की उसने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। जो लोग मासूम की देखभाल कर रहे थे, वह रोते-रोते यही कह रहे थे। भगवान ऐसे लोगों को संतान ही न दे जो मासूमों का दर्द ना समझ सकें।

Asianet News Hindi | Published : Nov 2, 2019 6:02 AM IST / Updated: Nov 02 2019, 11:41 AM IST

डूंगरपुर (राजस्थान).  संतान की खुशी के लिए माता-पिता अपनी खुशियों का त्याग कर देते हैं। लेकिन हम आपको बता रहे हैं, ऐसे मां-बाप के बारे में जिन्होंने अपने ही मासूम बच्चे को कुछ दिन पहले रोते-बिलखते हुए मरने के लिए अस्पताल मे लावारिस छोड़ दिया था। जिसकी शुक्रवार को मौत हो गई। 

मां-बाप ने 3 माह के बच्चे को छोड़ दिया लावारिस
दरअसल, इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह कहानी है राजस्थान के डूंगरपुर जिले की। जहां एक दंपती ने अपने ही तीन माह के बच्चे के लिए इसी साल 12 जुलाई को डूंगरपुर के जिला अस्पताल से कुछ दूर एक सोनोग्राफी सेंटर के पीछे छोड़कर चले गए थे। जब राहगीरों ने बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी तो वह उसके पास पहुंचे। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी।

मासूम के दिल में ते तीन छेद
पुलिस ने नवजात का रेस्क्यू कर उसको जिला अस्पताल में एडमिट किया। डॉक्टरों ने बताया कि मासूम के दिल में तीन छेद हैं। इसी वजह से परिजनों ने बच्चों को लावारिस छोड़ा होगा। पिछले चार-पांच महीने से नवजात का इलाज जारी था। डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा बहुत कमजोर है, उसकी सर्जरी करनी पड़ेगी। जिसके लिए उसको उदयपुर के अस्पताल में एडमिट भी कर दिया था। 

रोते हुए लोग बोले-भगवान ऐसे लोगों को संतान ही न दे
डॉक्टरों ने मासूम के ऑपरेशन के लिए दिवाली के बाद का समय तय किया था। लेकिन इससे पहले ही नवजात की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उसने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। जो लोग मासूम की देखभाल कर रहे थे उनको जब इस बात की जानकारी लगी तो उनकी आंखें से आंसू निकलने लगे। वह रोते-रोते यही कह रहे थे, भगवान ऐसे लोगों को संतान ही न दे जो मासूमों का दर्द ना समझ सकें।

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