पापा को कुछ पता भी नहीं और उन्हें मार डाला, कन्हैयालाल के बेटों की जुबानी पूरी कहानी...पोस्ट से लेकर हत्या तक

उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के तीन दिन होने के बाद भी शहर में तनाव के हालात हैं। गुरुवार को भी कर्फ्यू रहेगा। आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जाएंगे। लेकिन उससे पहले मृतक के दोनों बेटों का दर्द सामने आया है। उन्होंने सरकार से एक ही मांग की है।

Arvind Raghuwanshi | Published : Jun 30, 2022 2:23 AM IST / Updated: Jun 30 2022, 07:58 AM IST

उदयपुर (राजस्थान). उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की बेरहमी से हुई हत्या को लेकर राजस्थान ही नहीं पूरे देश में आक्रोश है। उधर मृतक के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। हत्या के तीन दिन होने के बाद भी महिलाओं से लेकर बच्चों तक के आंसू नहीं  थम रहे हैं। पूरे परिवार की सिर्फ एक ही मांग है, कि ऐसे हैवानों को जिंदा रहने का कोई हक नहीं है। इसलिए सरकार से हमारी गुहार है कि मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को फांसी पर लटका दो। वहीं कन्हैयालाल के दोनों बेटों तरुण और यश का दर्द भी सामने आया है। वह कभी मां को समझाते हैं तो कभी खुद रोने लग जाते हैं। पढ़िए कन्हैयालाल के बेटों की जुबानी पूरी कहानी...पोस्ट से लेकर हत्या तक

बेटों की सरकार से मांग-दोनों को फांसी पर चढ़ा दो
दरअसल, दोनों बेटे तरुण और यश ने कहा कि पापा के जाने के बाद अब हमारे परिवार का क्या होगा। वही एक मात्र घर के कमाने वाले थे, वो कपड़ा सिलकर जो पैसा लाते उससे ही परिवार का पालन-पोषण और हामारी पढ़ाई होती थी। लेकिन वो अब इस दुनिया में ही नहीं रहे, तो किसकी हम आशा करें। अगर सरकार हमारे लिए कुछ कर सकती है तो पापा को मारने वाले दोनों आरोपियों को फांसी पर चढ़ा दीजिए। फांसी की सजा के बिना हम और कोई सजा नहीं चाहते हैं।

पापा को वॉट्सऐप मैसेज के बारे नहीं पता था और उनकी हत्या हो गई
बेटों ने कहा कि गलती हमारी थी, लेकिन भगुतना पापा को पड़ा, हमने ही नुपूर शर्मा को सपोर्ट में सोशल मीडिया पर शेयर की थी। जिस पर आपत्ति लेते हुए पड़ोस में रहने वाले नाजिम नाम के शख्स ने इसकी शिकायत थाने में करवा दी थी। हालांकि दूसरे दिन जमानत भी मिल गई थी। इसको लेकर समझौता भी हो गया था। लेकिन यह पोस्ट कुछ कट्टरपंथियों ने देखा तो वो वह दुश्मन बन गए। बेटे ने कहा है कि पिता को पोस्ट के बारे में कुछ पता नहीं था। फिर डर के चलते पापा ने करीब 5 दिन तक अपनी दुकान भी बंद कर रखी थी। क्योंकि दुकान बंद रखने के लिए प्रशासन ने कहा था। इसी दौरान किसी ने पापा के जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसकी शिकायत हमने पुलिस में देते हुए सुरक्षा की मांग की थी।

'फोन कर कहा-तुम्महारे पापा का मर्डर हो गया है'
कन्हैयालाल के बेटों ने बताया कि पुलिस हमें सुरक्षा तो दी, लेकिन दो दिन बाद ही पुलिस प्रोटेक्शन हटा लिया या। फिर एक सप्ताह बाद जब पापा ने दुकान खोली तो मंगलवार के दिन रियाज और गोल ग्राहक बनकर दुकान में घुसे और पापा की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हमें तो इसका पता उस वक्त चला जब किसी ने हमें फोन करके कहा कि आपके पापा का मर्डर हो गया है। उनका शव दुकान में पड़ा है।

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