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उदयपुर में कन्हैयालाल पंचतत्व में विलीनः वो तस्वीरें जिन्होंने सबको रुलाया, बेसुध होकर सड़क पर गिरी महिला
उदयपुर, एक दिन पहले मंगलवार दोपहर दो बजे राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की तालिबानी तरीके से हत्या करने के बाद आज अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन उनकी मौत की चीखें अभी भी उनके घर में गूंज रही हैं। कन्हैया की पत्नी-मां और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। जैसे ही अंतिम यात्रा के लिए शव कंधों पर रखा गया तो परिवारों की चीत्कारों से पूरा इलाका गूंज उठा। महिलाआों से लेकर बच्चे तक सड़क पर बेसुध होकर गिर पड़े। इस मार्मिक पल की जो तस्वीरें सामने आई हैं उन्होंने हर किसी को रुला दिया। देखिए दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरें...
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बता दें कि परिजन जैसे ही घर में लगी कन्हैया की तस्वीरों को देखते हैं तो फिर बिलखने लगते हैं। वह बार यही कहते हैं कि अब कन्हैया इन तस्वीरें में ही याद बनकर रह गए। कैसे एक दिन पहले वह सुबह सबसे मिलकर दुकान गए थे। लेकिन कुछ घंटों बाद ही हैवानों ने उनको मार डाला। उनका आखिर ऐसा क्या कसूर था, जिसकी इतनी बड़ी सजा दी गई।
वहीं मृतक कन्हैया की बहन नीमा देवी का कहना है कि पूरा परिवार इस घटना से डरा सहमा हुआ है। हमें समझ नहीं आ रहा है कि क्या से क्या हो गया। सरकार और पुलिस से अपील है कि हमें सुरक्षा दे। नहीं तो कल हमारी भी हत्या हो सकती है। दरिंदों ने हमारे सिर्फ भाई को नहीं बल्कि पूरे परिवार को मार डाला है। हमारी एक ही मांग है कि जिस तरह से हैवानों ने कन्हैया को काटा है उसी तरह सरकार उनको काट दे।
बता दें कि मृतक का पूरा परिवार दोनों आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहा है। वह बिलखते हुए कह रहे हैं कि अगर सरकार हमारे लिए कुछ कर सकती है तो उन्हें इंसाफ में दोनों को फांसी दे दो। एक तरफ उनकी आंखों में आंसू हैं तो वहीं दूसरी ओर आरोपियों के कृत्य को लेकर आक्रोश भी है।
बहन नीमा ने कन्हैया के बारे में बात करते हुए बताया कि मेरा भाई बहुत मिलनसार था, उसके जैसा नेचर किसी का नहीं होगा। वह रोते इंसान को भी हंसा देता था। उसने तीन साल पहले ही अपना नया घर लिया था। वह एक प्लॉट लेना चाहता था। इसके लिए दिन रात दुकान में मेहनत कर रहा था। उसका एक ही सपना था कि उसका बेटा एक अच्छा डॉक्टर बने। लेकिन उन हैवानों ने उसके सपने के साथ साथ उसको ही तोड़ दिया।
कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा की आंखों के तो आंसू ही सूख गए, बह बस एक टक देखती रहती हैं। बह बोलने की कोशिश करती हैं, लेकिन जबान से कुछ निकलता ही नहीं है। उन्होंने भरी हुई आवाज में कहा उन्होंने कभी ना तो मुझे डांटा और ना ही अपने बच्चों को फटकार लगाई। वह अपने दो बेटों में से एक को डॉक्टर और दूसरे बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे। अब उनका ये सपना कौन पूरा करेगा। दरिंदों ने मेरे परिवार को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है।
बता दें कि कल मंगलवार दोपहर 2 आरोपी रियाज और गोस मोहम्मद की उदयपुर के शहर के धानमंडी इलाके में मौजूद टेलर कन्हैया लाल की दुकान में घुसे। जाते ही दोनों ने कहा किहमें कपड़े सिलवाने हैं। कन्हैया ने नाप लेना स्टार्ट कर दिया। तभी अचानक पीछे खड़े हत्यारे ने धारदार हथियार से उसके ऊपर हमला कर दिया। दोनों ने तलवार से कई वार कन्हैया के ऊपर किया। ऑन द स्पॉट उसकी मौत हो गई। बता दें कि नुपुर शर्मा के समर्थन में कन्हैयालाल ने फेसबुक पोस्ट किया था, जिसके बाद ये हत्या कर दी गई।
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