
जयपुर. राजस्थान में शादियों में होने वाले अनावश्यक खर्च को लेकर कई समाज बड़ी पहल कर रहे हैं। पिछले दिनों माली समाज ने दूल्हे और दूल्हन के लिए कुछ नियम बनाए थे ताकि शादी समारोह सादगी से किया जा सके। उसके बाद अब जाट समाज ने शादी में वर और वधु पक्ष के बीच एकरुपता लाने के लिए बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों को सख्ती से लागू करने के लिए पूरे समाज को निर्देश दिए गए हैं। राजस्थान के पाली जिले के रोहट खेड़ा के जाट समाज ने फिलहाल इन फैसलों को गांवों में लागू किया है।
कोई डीजे नहीं बजेगा, पैदल आएगा दूल्हा, पकवान भी चुनिंदा ही बनेंगे
दरअसल पाली जिले के रोहट खेड़ा के जाट समाज ने यह पहल की है। समाज के पंचों का कहना है कि गावों में शादियों के दौरान परिवारों पर इतना कर्ज हो जाता है कि उन्हें चुकानें में परिवार को परेशानी का सामान करना पडता हैं। शादियों में कितना ही खर्च कर लें, कम ही लगता है। इसलिए अब शादियों के लिए सख्त नियम लागू कर रहे हैं ताकि दोनो ही पक्षों को परेशानी नहीं आए। अब गावों में जाट समाज की शादियां होंगी तो दूल्हे को पैदल आना होगा। घोटी और डीजे को नहीं लाया जाएगा। शादी में नशे को रोकने के लिए भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। कई बार नशे के चलते बड़े हादसे पेश आते हैं।
मृत्यु होने पर भी बेहद कम खर्च में करने होंगे आयोजन
जाट समाज ने शादियों के अलावा मृत्यु होने पर भी होने वाले आयोजनों पर बैन लगा दिया है। समाज के लोगों का कहना है कि मृत्यु होने पर होने वाले मृत्यु भोज, पहरावणी और अन्य कार्यक्रमों में भी बहुत ही कम खर्च पर कार्यक्रम आयेाजित करने होंगे । गावं के गांव बारहवें के भोजन पर बुलाए जाते हैं इससे परिवार पर कर्ज का बोझ बहुत बढ़ जाता है। ये सही नहीं है। जो भी कार्यक्रम होंगे बेहद ही छोटे होंगे। सभी के लिए नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का उल्लघंन करने पर सख्त जुर्माना भी लगाया जाएगा। पंचों के इन फैसलों का स्वागत किया जा रहा है। गांवों में इन फैसलों को लेकर चर्चा हो रही है।
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