Research : सिंगल महिलाएं पुरुषों के मुकाबले रहती हैं ज्यादा खुश, नहीं तलाश करतीं पार्टनर

आजकल महिलाओं में सिंगल रहने की टेन्डेंसी बढ़ती जा रही है। ज्यादातर महिलाएं शादी के झमेलों से दूर रहना चाहती हैं। एक रिसर्च से पता चला है कि ऐसी महिलाएं सिंगल पुरुषों की तुलना में ज्यादा खुश रहती हैं।

Manoj Jha | Published : Feb 3, 2020 5:54 AM IST

रिलेशनशिप डेस्क। आजकल महिलाओं में सिंगल रहने की टेन्डेंसी बढ़ती जा रही है। ज्यादातर महिलाएं शादी के झमेलों से दूर रहना चाहती हैं। एक रिसर्च से पता चला है कि ऐसी महिलाएं सिंगल पुरुषों की तुलना में ज्यादा खुश रहती हैं। शोध से यह बात भी सामने आई है कि सिंगल महिलाएं पुरुष पार्टनर तलाश करने की कोशिश भी नहीं करतीं। वहीं, पुरुष सिंगल रहने पर खुश नहीं रहते और पार्टनर की तलाश में रहते हैं। अक्सर पुरुषों में अपने पार्टनर को लेकर ज्यादा संवेदनशीलता देखी गई, जबकि महिलाएं या तो रिलेशन नहीं रखतीं और अगर ब्रेकअप हुआ तो दूसरा रिश्ता बनाने के लिए जल्दी कोशिश नहीं करतीं। ऐसी महिलाएं चंद दोस्तों का सहारा अपने कामों के लिए लेती हैं, पर उन पर भी पूरा भरोसा नहीं करतीं और दोस्त बदलती रहती हैं।

कहां हुई यह स्टडी
यह रिसर्च स्टडी इंग्लैंड की एसेक्स यूनिवर्सिटी में कुछ समय पहले हुई है। मुख्य शोधकर्ता प्रोफसर एमिली ने कहा कि इस शोध से यह पता चला कि करीब 61 फीसदी सिंगल महिलाएं बिना किसी पार्टनर के काफी खुश हैं, वहीं महज 49 फीसदी पुरुष ही सिंगल रहते हुए खुश और संतुष्ट नजर आए। इस सर्वे से यह बात भी सामने आई कि करीब 75 फीसदी सिंगल महिलाओं ने कोई पार्टनर तलाश करने की कोशिश नहीं की, वहीं ऐसा करने वाले पुरुष 65 फीसदी थे। 

क्या है वजह
प्रोफेसर एमिली का कहना है कि सिंगल महिलाओं से बातचीत और उनकी मानसिकता के अध्ययन से पता चला कि वे सिंगल इसलिए रहना चाहती हैं, क्योंकि रिलेशनशिप में रहने और शादी कर घर बसाने में वे ज्यादा समस्या महसूस करती हैं। यह समस्या घर संभालने, बच्चों को जन्म देने और परिवार से जुड़ी अन्य जिम्मेदारियों से संबंधित पाई गईं। प्रोफेसर एमिली ने कहा कि इन सिंगल महिलाओं का कहना था कि रिलेशनशिप में रहने से उनकी व्यक्तिगत आजादी में खलल पड़ेगा। लेकिन अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ये कुछ भरोसेमंद लोगों के साथ कम दिन के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाती हैं।

सोशल एक्टिविटीज में बिताती हैं ज्यादा वक्त
प्रोफेसर एमिली ने कहा कि रिसर्च से पता चला कि ऐसी सिंगल महिलाएं सामाजिक कामों में ज्यादा वक्त बिताती हैं। इससे उन्हें संतुष्टि मिलती है। उन्हें लगता है कि सामाजिक गतिविधियों में शामिल होकर वे दूसरों के मुकाबले खास काम कर रही हैं और इससे उनकी अलग ही पहचान बन रही है। इन महिलाओं का कहना था कि शादीशुदा जिंदगी या किसी पार्टनर से बंध कर रहने पर वे ऐसा नहीं कर सकती थीं। जहां तक वक्त पड़ने किसी व्यक्ति के सहयोग की जरूरत सामने आती है, इनके कुछ दोस्त होते हैं जो काम आते हैं, पर वे भी बदलते रहते हैं। प्रोफेसर एमिली का कहना था कि पुरुषों के साथ ऐसी बात नहीं है। सिंगल रहने पर वे दुखी रहते हैं, लेकिन पार्टनर की तलाश करना भी उनके लिए एक मुश्किल काम होता है।  

 

 

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