हमारी आत्मा हमारे शरीर, दिमाग और इंद्रियों को नियंत्रित करती है। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती है, वह सिर्फ शरीर बदलती रहती है। शरीर नस्वर है, पर आत्मा अमर है। जन्म और मृत्यु सिर्फ आत्मा द्वारा शरीर बदलने की प्रकिया का हिस्सा है।
अर्जुन कौन हैं? आप अर्जुन हैं, मैं अर्जुन हूं, हम सब ही अर्जुन हैं। हम सभी अपनी जिंदगी को लेकर परेशान हैं। हम सभी बात करते हैं कि हम अपने जीवन में मुश्किलों का सामना करने से क्या मिला ? अर्जुन के मन में भी यही सवाल थे। हमें सामान्य व्यक्ति के रूप में यह समझने की आवश्यकता है कि महाभारत के "युद्ध" का उद्देश्य और उसकी प्रासंगिकता क्या है। हमें महाभरत के युद्ध को उसके वास्तविक रूप की बजाय उसका संदर्भ समझने की जरूरत है। हमारे लिए हमारा काम ही युद्ध है। इसे ही कर्म युद्ध कहते हैं। जैसे हम हर काम को करने से पहले अपनी ताकतों और कमजोरियों का पता लगाते हैं, ठीक उसी तरह अर्जुन ने भी रणभूमि में उतरने से पहले अपनी ताकतों और कमजोरियों को समझा था।
हिंदू धर्म अक्सर मूर्ति पूजा के कारण आलोचकों के निशाने पर रहता है, जबकि यह हकीकत से पूरी तरह अलग है, पर आलोचकों को इन बातों का ज्ञान नहीं है। मूर्तियां देवताओं की प्रतिरूप मात्र हैं, जिस चरह कृष्ण भगवान के अवतार थे। अगर कोई देवी या देवता हमें अपने असली रूप में दर्शन देगा तो शायद हम उसके तेज को सहन नहीं कर पाएंगे। भगवान ने कृष्ण का अवतार सिर्फ हमें और अर्जुन को खुद से मिलाने के लिए लिया था। क्या होगा अगर पूरा ब्रह्मांड जीवित हो जाए ? यही कृष्ण हैंः एक जीता जागता ब्रह्मांड। पूरे ब्रह्मांड को उनसे ही शक्ति मिलती है। कृष्ण की न तो कोई शुरुआत है और न ही कोई अंत।
हमारी आत्मा हमारे शरीर, दिमाग और इंद्रियों को नियंत्रित करती है। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती है, वह सिर्फ शरीर बदलती रहती है। शरीर नस्वर है, पर आत्मा अमर है। जन्म और मृत्यु सिर्फ आत्मा द्वारा शरीर बदलने की प्रकिया का हिस्सा है।
जिंदगी में सफल होने के लिए हमें कृष्ण के समान एक गुरू और अर्जुन के जैसे शिष्य की जरूरत है। हमें अपने क्षेत्र और कार्य में सफलता पाने के लिए अर्जुन के समान दक्ष होना जरूरी है। इसके साथ ही हमें कृष्ण के जैसे गुरू की भी जरूरत है। हम अक्सर आसान तरीकों से जिंदगी में सफल होना चाहते हैं। हमें कठोर परीश्रम करना चाहिए और जीवन में अपने गुरू की तलाश करनी चाहिए। हमें फर्जी संतो के जाल में फसने से बचना चाहिए। कृष्ण तक पहुंचना कतई आसान नहीं है। इसके लिए हमें भगवान से अटूट प्रेम और श्रद्धा का संबंध बनाने की जरूरत है।
यह वीडियो श्रीमद् भगवद गीता पर हमारे सभी विडियोज का समागम है। इस विडियो में हम श्रीमद् भगवद गीता की मुख्य बातों पर एक बार फिर से नजर डालेंगे और अपने कार्यों के जरिए दुनिया में प्रेम और सद्भावना फैलाने का प्रयास करेंगे।
कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।