- 7 सितंबर, शनिवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद हाथ में चावल और पानी लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- जिस स्थान पर गणेश प्रतिमा स्थापित करनी है, उसे अच्छी तरह साफ करें और गंगा जल या गौमूत्र छिड़कर उसे पवित्र करें।
- साफ किए हुए स्थान पर लकड़ी की चौकी रखें और इसके ऊपर लाल या सफेद बिछाएं। ये कपड़ा नया होना चाहिए।
- शुभ मुहूर्त देखकर इस चौकी के ऊपर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले श्रीगणेश को तिलक लगाएं।
- श्रीगणेश को फूलों का हार पहनाएं। चौकी के ऊपर ही शुद्ध घी का दीपक भी जलाएं। श्रीगणेश को हल्दी लगी हुई दूर्वा चढ़ाएं।
- इसके बाद अबीर, गुलाल, कुंकुम, हल्दी, रोली, इत्र, पान, इलाइची, लौंग आदि चीजें एक-एक करके श्रीगणेश को चढ़ाते रहें।
- पूजा करते समय ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार श्रीगणेश को भोग लगाएं।
- भोग लगाने के बाद भगवान श्रीगणेश की आरती करें। 10 दिनों तक रोज सुबह-शाम इसी तरह श्रीगणेश की पूजा करते रहें।
- इस तरह जो व्यक्ति गणेश उत्सव के दौरान दोनों समय भगवान श्रीगणेश की पूजा करता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है।